Vijay Kumar Jha
Chief Editor.
Patna : बिहार में लोकसभा की 40 और झारखंड में 14 सीटें हैं। पिछली बार 2014 में हुए 16वीं लोकसभा के चुनाव परिणाम को देखें तो एनडीए का प्रदर्शन शानदार रहा था। भाजपा ने सबसे अधिक 22 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद लोजपा ने सबसे अधिक छह सीटों पर कब्जा जमाया था। जबकि एनडीए में तीन सीटों पर चुनाव लड़ने वाली रालोसपा ने तीनों सीट जीतकर शत-प्रतिशत सफलता पायी थी। इस प्रकार एनडीए को बिहार में कुल 31 सीटें मिली थीं। कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। उसे मात्र दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि 27 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले राजद को मात्र चार पर ही जीत हासिल हुई थी। जदयू 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे दो सीट पर ही जीत मिली। जबकि इसबार भाजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी नता दल यूनाइटेड (जदयू) और राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में है। रालोसपा इस चुनाव में भाजपा-विरोधी महागठबंधन में शामिल है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा- जदयू 17-17 सीटों पर और लोजपा 6 चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस, राजद, हम और रालोसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस चुनाव में पटना साहिब से पूर्व में भाजपा सांसद और अब कांग्रेस टकिट पर चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा व केन्द्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद, केन्द्रीय मंत्री आर के सिंह, गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, राधामोहन सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी व शकील अहमद, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पाटलिपुत्र से लालू यादव की पुत्री मीसा भारती व रामकृपाल यादव, अर्जुन राय, अशोक यादव सहित अन्य प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 23 मई को होना है। अब देखना यह है कि बिहार में मोदी-नीतीशराम विलास का एनडीए भारी पड़ेगा या तेजस्वी यादव का महागठबंधन?
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