गृह मंत्री अमित शाह ने दिये बड़ी कार्रवाई के संकेत
नीरज कुमार झा
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के समर्थकों और भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त अथवा संरक्षण देने वालों के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। केन्द्र में गृह मंत्री की जिम्मेवारी संभालने के बाद से ही अमित शाह कश्मीर के मुद्दे पर बेहद सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकों का सिलसिला तेज कर दिया है और इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि केन्द्र सरकार अब भारत विरोधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है। इधर, ईद के दिन कश्मीर में मचे बवाल और बंगाल में जारी हिंसा के बीच गृह मंत्रालय में तीन दिन पूर्व आंतरिक सुरक्षा पर हाई लेवल मीटिंग संपन्न हुई। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह के अलावा एनएसए अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीब गौबा मौजूद थे। मालूम हो कि इससे पहले 3 जून को भी आंतरिक सुरक्षा पर गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक बुलायी थी। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ-साथ आईबी चीफ और रॉ चीफ भी पहुंचे थे।ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर के घाटी वाले इलाके में बुधवार को ईद की नमाज के बाद कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई थी।

इतना ही नहीं, उत्तरी कश्मीर के सोपोर और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से भी झड़पें हुई थीं। शहर के नौहट्टा में नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और मारे गये आतंकवादी जाकिर मूसा के समर्थन में बैनर लहरा रहे थे। घसी बाच कश्मीर में अलगाववादियों पर शिकंजा कसते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पत्थरबाजी के सरगना मसरत आलम भट, जम्मू एवं कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के प्रमुख शब्बीर शाह व महिलाओं के अलगाववादी समूह दुख्तारन-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी को हिरासत में लिया। एनआईए इनसे आतंकी फंडिंग में इनकी भूमिका के बारे में पूछताछ करेगी। एनआईए जम्मू एवं कश्मीर मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भट को जम्मू एवं कश्मीर की एक जेल से दिल्ली लायी। भट सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत जेल में बंद थे। भट को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे दस दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया। इधर, बड़ी खबर यह है कि केन्द्र सरकार जम्मू में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन जल्द करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या बढ़ जाएगी और आजादी के बाद से ही वहां के नागरिकों पर अपनी मर्जी थोपने वाले राजनीतिक दलों की दुकानदारी पर इसका बुरा असर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि जब से अमित शाह ने गृहमंत्री का पद संभाला है, तब से उन्होंने लगातार कई बैठकें की हैं। बुधवार को भी ईद की छुट्टी रहने के बावजूद वे गृह मंत्रालय में पहुंचे और अधिकारियों से कई मुद्दों पर बातचीत की। गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने कश्मीर और बंगाल सहित कई मुद्दों का गंभीरता से निरीक्षण किया है।