पैसे के अभाव में US नहीं जा पा रही मोनालिसा

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अपनी मां के साथ राष्ट्रीय लॉन टेनिस खिलाड़ी मोनालिसा।

बदहाली के दौर में झारखंड की एकमात्र लॉन टेनिस खिलाड़ी

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से लगायी मदद की गुहार

संजय भारद्वाज

चंदनकियारी (बोकारो) : झारखण्ड की एकमात्र राष्ट्रीय स्तर की लॉन टेनिस के खिलाड़ी मोनालिसा चक्रवर्ती का टेनिस प्रशिक्षण के लिए यूएस में हो चुका है। इसके लिए उसे यूएस सरकार द्वारा 80 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप भी मुहैया करवाने की बात कही गयी है, परन्तु परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नही होने के कारण बाकी राशि उपलब्ध नही हो पायी। इस कारण मोनालिसा ने राज्य सरकार से मदद की गुहार भी लगाई, परन्तु अभी तक राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में पहल नहीं दिख सकी है। ऐसे में मोनालिसा ने अब देश के प्रधानमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री से इस दिशा में मदद की गुहार लगायी है। 
क्या लिखा है पत्र में पीएम व सीएम को दिये गये अपने पत्र में मोनालिसा चक्रवर्ती ने लिखा है कि वह झारखंड की एकमात्र महिला लॉन टेनिस खिलाड़ी है।
कहा कि, ‘विगत 13 साल से मैं झारखंड के लिए खेल रही हूं। मेरे पिता की मृत्यु के बाद मेरी मां ने अकेले मुझे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया। वर्ष 2016 से मुझे झारखंड सरकार आर्थिक मदद दे रही है। अब मुझे अंतराष्ट्रीय ट्रेनिंग की ज़रूरत है, इसलिए पिछले साल सरकार ने मुझे अंतराष्ट्रीय टेनिस ट्रेनिंग स्कॉलरशिप के कार्यवाही के लिए भी मदद की। मुझे यूएस में टेनिस खेलने के लिए 80 प्रतिशत स्कॉलरशिप मिली। मैंने सभी चयन टूर्नामेंट प्रतियोगिता खेल सफलता पायी। इसके कारण मुझे यूएस से 80 प्रतिशत स्कॉलरशिप दी। मेरा बाक़ी का 20 प्रतिशत राशि का खर्च सिर्फ़ रहने और खाने का है, जिसके लिए मैंने झारखंड सरकार से मदद मांगी।’

…तो होगी राज्य की बदनामी

मोनालिसा ने अपने पत्र में लिखा है कि यूएस में उसका नामांकन को लेकर सारी कार्यवाही हो चुकाीहैं। अगर अभी वह नामांकन से इनकार करती है तो वो उसे डिस्क्वालिफाई कर देंगे और किसी भी देश में उसे खेलने की अनुमति नहीं मिलेगी। जाहिर है एेसा अगर होता है तो यह केवल मोनालिसा की ही परेशानी नहीं होगी, बल्कि पूरे झारखंड और भारत की साख पर इसका बुरा असर पड़ेगा।

 अंतिम घड़ी में इनकार

मोनालिसा का कहना है कि इतने दिन सरकार ने मदद करने का भरोसा दिया, लेकिन अंतिम तिथि के एक दिन पहले सहायता प्रदान करने से इनकार किया जा रहा है। उसने कहा-  यह जानते हुए कि इस फ़ैसले से मेरा पूरा कैरियर ख़त्म हो जाएगा। मेरी इसमें क्या ग़लती है कि मेरी मां उक्त राशि खर्च करने में असमर्थ है? मेरे लिए सबसे दुर्भाग्य है कि मेरे पिता नहीं है और मेरी मां किसी बड़े पद पर नहीं हैं। अगर मेरा 13 साल का संघर्ष और मेरा कैरियर ख़त्म होने के कगार में हैं तो इस उपरांत सिर्फ मैं प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करूंगी कि हमें अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण के लिए आर्थिक मदद की जाय।

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