– Deepak Kumar Jha
बोकारो : बोकारो इस्पात नगर की प्रतिभाओं ने हमेशा ही इस शहर का नाम पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने का कार्य किया है। इसी कड़ी में बोकारो की प्रसिद्ध शिक्षाविद नीलकमल सिन्हा की सुपुत्री तान्या सिन्हा ने ‘मिस क्वीन आॅफ इंडिया 2019’का पुरस्कार पाकर अपने शहर, माता-पिता और पूरे झारखंड का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। पेगासस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आयोजित मनप्पुरम मिस क्वीन आॅफ इंडिया के 19वें एडिशन में तान्या ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। देशभर से 20 फाइनलिस्ट इस प्रतियोगिता में चयनित किये गये थे और इनमें से तान्या को यह खिताबी जीत मिली। कोच्चि, केरला के साज अर्थ रिजॉर्ट्स एंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस प्रतियोगिता में पहले स्थान पर जहां तान्या रही, वहीं केरला की निकिता थॉमस एवं दिल्ली की समीक्षा सिंह क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय उपविजेता रहीं।
‘सपने को सच बनाने के लिये मेहनत जरूरी‘
अपनी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए तान्या ने कहा कि उसने एक सपना देखा था एक नए मुकाम पर जाने की। तान्या का कहना है कि सिर्फ सपने देखने से महान नहीं बन सकते, मुकाम नहीं पा सकते। आपको उस दिशा में लगातार मेहनत करनी होती है। उसने कहा कि उसके परिवार में सभी इंजीनियर, डॉक्टर हैं, लेकिन इसके बाद भी उसने एक अलग कैरियर चुना और उसके परिवार के सभी लोगों ने हर कदम कदम पर उसका साथ दिया। उसने बताया कि जब तक खुद पर आत्मविश्वास नहीं होगा, तब तक आपका कोई भी सपना पूरा नहीं हो सकता। सपने पूरा होने का जज्बा खुद के भीतर होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि तान्या सिन्हा ने डीएवी, गांधीनगर (रांची) से प्राइमरी एजुकेशन के बाद वर्ष 2013 में सेक्टर- 6 स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल से दसवीं की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद जवाहर विद्या मंदिर, रांची से 12वीं की पढ़ाई के बाद मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
छोटी-छोटी उपलब्धियों से पाया मुकाम
तान्या की मां और डीपीएस, चास की प्राचार्या नीलकमल सिन्हा के अनुसार वह आज जिस कामयाबी के मुकाम पर है, उसके पीछे का कारण उसकी छोटी-छोटी उपलब्धियां हैं। छोटी-छोटी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़कर तान्या आज भारत को रिप्रेजेन्ट करने के लायक बन सकी है। फैशन कैरियर के प्रति शुरू से ही झुकाव रखने वाली तान्या मिस बोकारो की रनर्स अप रही। उसके बाद मिस झारखण्ड के लिए प्रयास किया। तत्पश्चात मिस इंडिया पीजेन्ट में मिस भुवनेश्वर और दूसरे प्रयास के बाद 2017 में मिस इंडिया में झारखंड फाइनलिस्ट बनी। इसके बाद लगातार दो वर्षों के गहन और विशेष प्रशिक्षण के पश्चात वह मिस क्वीन आॅफ इंडिया के मुकाम पर पहुंच सकी है।