पत्रकारिता समाज का दर्पण : स्वामिनी संयुक्तानंद

0
347
कार्यक्रम को संबोधित करतीं चिन्मय मिशन, बोकारो की आचार्या स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती।

चिन्मय परिवार व ओलम्पिक संघ ने मनाया विश्व खेल पत्रकारिता दिवस

संवाददाता
बोकारो।
‘जन-जन में खेल का ज्ञान विकसित करना, उन्हें दुनिया भर की खेल गतिविधियों से अवगत कराते रहना पत्रकारिता की ही देन है। वस्तुतः पत्रकारिता समाज का दर्पण है और खासकर, प्रिन्ट मीडिया की महत्ता और विश्वसनीयता को नकारा नहीं जा सकता है।’ यह कहना है चिन्मय मिशन, बोकारो की आचार्या स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती का। बोकारो के चिन्मय विद्यालय में विद्यालय परिवार एवं ओलम्पिक संघ की ओर से मंगलवार को आयोजित विश्व खेल पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उन्होंने उक्त बातें कही। उन्होंने पत्रकारिता के जरिये खेल के क्षेत्र की छुपी प्रतिभाओं को उजागर कर इससे जुड़े पिछड़ेपन को दूर करने पर भी बल दिया।

विशिष्ट अतिथि चिन्मय विद्यालय के सचिव महेश त्रिपाठी ने पत्रकारिता में खेल संबंधी विभाजन, इसकी विशिष्टता तथा खेलों तथा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की दिशा में खेल पत्रकारों व प्रिन्ट मीडिया की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि खेल पत्रकारिता अपने-आप में अलग, संघर्षपूर्ण व महत्वपूर्ण विधा है। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अशोक कुमार झा ने पत्रकारों के सामाजिक सम्मान, समाज व राष्ट्र के विकास में पत्रकारिता की भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही, सामाजिक तथ्यों को उजागर करने का संदेश दिया।

सम्मानित खेल पत्रकारों के साथ चिन्मय परिवार व ओलम्पिक संघ के लोग।

इसके पूर्व कार्यक्रम का संचालन कर रहे बोकारो जिला ओलम्पिक संघ के सचिव गोपाल ठाकुर ने विश्व खेल पत्रकारिता दिवस की पृष्ठभूमि रेखांकित की तथा भारत में इसके कम प्रचलन पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि खेल पत्रकार जोखिम भरे वातावरण में अपने कार्यों की बदौलत खेल व खेल-प्रतिभाओं के उत्थान में लगे रहते हैं, जिनका सम्मान आवश्यक है। विद्यालय के खेल शिक्षक सह खेल पत्रकार संजीव कुमार सिंह के समन्वयन में आयोजित इस कार्यक्रम की समाप्ति पर धन्यवाद ज्ञापन ओलम्पिक संघ के बोकारो जिला अध्यक्ष विपिन कुमार सिंह ने किया। मौके पर ओलम्पिक संघ के विपिन कुमार सिंह, विद्यालय के रजनीश चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद थे। समारोह के दौरान बोकारो के कई खेल पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया।

  • Varnan Live.
Previous articleखेलमंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठेगी राष्ट्रीय खिलाड़ी मोनालिसा
Next articleखेल पत्रकारों के बिना खेल-जगत अधूरा : जयदीप
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply