मनीगाछी में लगातार डकैती से दहशत

0
391

दरभंगा : जिले के मनीगाछी थाने के कन्हौली गांव में लगातार बढ़ रही डकैती की घटनाओं से दहशत व्याप्त है। बीते हफ्ते किराना दुकानदार पुरेन्दु कुमार झा उर्फ मुन्ना के घर पर डकैतों ने धावा बोलकर करीब दस लाख की संपत्ति लूट ली। घटनास्थल पर एक झोले से पांच बम बरामद कर निष्क्रिय किया। अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने जगह-जगह छापेमारी की, परंतु खबर लिखे जाने तक कोई भी अहम सफलता हाथ नहीं लग सकी थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार छह-सात की संख्या में बदमाश बांस लगाकर पुरेन्दु कुमार झा आंगन में घुसे। बरामदे पर सो रहे गृहस्वामी को उन्होंने अपने में कब्जे में ले लिया। इसके बाद चार कमरों में सो रहे परिजनों को बारी-बारी से अपने कब्जे में ले लिया। आलमीरा एवं ट्रक की तलाशी लेते हुए नकद करीब पांच लाख और पांच लाख के जेवरात व कीमती वस्त्र को लूट लिया। घटना को लेकर पुलिस प्रशासन के प्रति लोगों की नाराजगी भी साफ तौर पर देखी गयी। उल्लेखनीय है कि गांव में तीन माह पहले बिजली विपत्र कलेक्शन एजेंट शंकर झा के घर डकैती हुई थी। विरोध करने पर डकैतों ने उन्हें गोली मार दी थी। लम्बे इलाज के बाद किसी तरह उनकी जान बच सकी थी। शायद इसी भय से पुरेन्दु के घर के लोगों ने कोई विरोध नहीं किया। ग्रामीण बताते हैं कि कन्हौली गांव में एक साल के अंदर एक ही टोले में दस से ज्यादा इस तरह की आपराधिक घटनायें हो चुकी हैं। इससे लोगों में जहां भारी दहशत है, वहीं प्रशासन की विफलता को लेकर आक्रोश भी।

Previous articleभव्य कार्यक्रमों के साथ मना सीतामढ़ी महोत्सव
Next articleहूल क्रांति- अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह की एेतिहासिक पहल
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply