विशाल अग्रवाल
गोमिया (बोकारो) : गोमिया प्रखंड परिसर में शुक्रवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब बीडीओ मोनी कुमारी एवं प्रदर्शनकारी आपस में हीं उलझ गये। इसके कारण पूरा प्रखंड कार्यालय परिसर रणक्षेत्र और हंगामे के केन्द्र में तब्दील रहा। महुआटांड़ पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में जनवितरण प्रणाली (पीडीएस सिस्टम) की वर्तमान व्यवस्था से आहत और आक्रोशित होकर प्रखंड परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में प्रखंड के बीडीओ, सीओ चोर है, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी चोर है, जिला आपूर्ति पदाधिकारी चोर है, सभी मुखिया चोर है नारा लिखित तख्तियां लहरा रही थीं। चोर वाले नारे को ले सुनकर बीडीओ मोनी कुमारी बाहर निकलीं और प्रखंड प्रशासन के खिलाफ नारा लिखित तख्तियों पर एेतराज जताया। बीडीओ ने चोर लिखे शब्दों पर सफाई मांगी। कहा कि क्या सबूत है कि प्रखंड प्रशासन चोर है? मामला इतना बढ़ा कि थाना-पुलिस तक के पहुंचने की नौबत आ गई। बीडीओ द्वारा डांटने के बाद विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी भड़क गये एवं उनके बीच काफी देर तीखी नोंक-झोंक व बहस शुरू हुई। मौके पर पहुंचे आईईएल थाना प्रभारी तुलसी सिंह के बीच-बचाव के बाद मामला सुलझाया गया। थाना प्रभारी सिंह ने प्रदर्शनकारी ग्रामीण नेता बाबूलाल मरांडी को समझाया कि बिना कारण और सबूत के किसी सरकारी पदाधिकारी को चोर नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए पहले उक्त लिखित तख्तियों को यहां से हटाओ तब जाकर मामला शांत हुआ।
अनियमितता का आरोप
नारालिखित तख्तियां हटाये जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रखंड कार्यालय परिसर में सभा की। यहां प्रदर्शनकारी नेता मरांडी ने कहा कि जन वितरण प्रणाली में घोर अनियमितता बरती जा रही है। संपन्न लोगों को इसका लाभ दिया जा रहा है, जिस कारण योग्य लाभुक खाद्यान्न का उठाव नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि राशन कार्डधारियों का अनाज जनवितरण प्रणाली के स्थानीय दुकानदार आसीन सोरेन के यहां से मिलना चाहिए। साथ ही जन वितरण प्रणाली दुकानदार कविता बाला डे के यहां आनाज स्थानांतरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गोमिया के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी पर राशनकार्ड बनाने में अनियमितता बरतने पर आवश्यक कार्रवाई की जाए। बाद में प्रदर्शन कर रहे लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए बीडीओ कार्यालय पहुंचा तथा बीडीओ को अपना सातसूत्री मांगपत्र सौंपा। मौके पर सुभाष हांसदा, विनोद हांसदा, सोहन घांसी, सबा अहमद, सुखलाल सोरेन, जिरवा देवी, सुनीता देवी, यशोदा देवी आदि ने भी अपने विचार रखे।
- Varnan Live Report.