बोकारो में तीज पर्व की धूम, मंदिरों में उमड़ी सुहागिनों की भीड़

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संवाददाता
बोकारो
: मांग से लेकर कपाल तक सजा सिंदूर। हाथों में सजी मेंहदी। नई-नई साड़ियां और सोलहों श्रृंगार। जी हां, बोकारो की सड़कों पर आज सुबह से ही रूप-सज्जा, आभूषण सज्जा सहित हर तरह के श्रृंगार से युक्त महिलाओं की कतार मंदिरों तक पहुंचती देखी गई। शहर के तमाम शिव पार्वती मंदिरों में सुहागिन महिलाओं की भीड़ लगी रही। मौका था तीज का। अपने सुहाग की लंबी उम्र और हर जन्म में उसे पाने की कामना के साथ महिलाओं ने पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना संपन्न की। इस क्रम में महिलाओं ने पारंपरिक भोजपुरी मगही भाषाओं में गीत और भजन गाये। ‘गौरा सोचे दिन-रात, हमरी ओ भोला मानत नईखे बात…’ जैसे शिव-पार्वती से जुड़े प्रसंगों पर आधारित गीत गाकर उन्होंने महादेव की पूजा की। व्रतियों ने पूजा के बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहागिनों के इस महापर्व की बधाईयां दी।

इस अवसर पर सेक्टर- दो स्थित मां मंदिर, सेक्टर- 3 में थाना मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर एवं शिव मंदिर, एलोरा हॉस्टल व कैंप-2 स्थित शिव पार्वती मंदिर, श्री राम मंदिर स्थित शिवालय आदि में संख्या में दिनभर व्रती महिलाओं की भारी भीड़ लगी रही। पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तीज की पूजा संपन्न कराई और कथा भी सुनाई। व्रतियों ने कहा कि अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के साथ वे लोग दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं और परंपरा अनुसार भोलेनाथ की पूजा करती हैं।

एक पुरोहित सुखदेव उपाध्याय ने बताया कि भगवती पार्वती ने इसी व्रत को संपन्न कर महादेव को प्रसन्न किया था और अपने जीवन में पति के रूप में उन्हें प्राप्त किया था। आदिकाल से इस पर्व का अपना एक विशेष महात्म्य है। दूसरी तरफ तीज को लेकर बाजारों काफी रौनक छाई रही। पूजा पाठ की दुकानों से लेकर श्रृंगार प्रसाधन, मिष्ठान एवं फल की दुकानें खचाखच लोगों की भीड़ से पटी रहीं। महंगाई के बावजूद आस्था में कोई कमी नहीं देखने को मिली। कुल मिलाकर तीज बोकारो, चास एवं आसपास के क्षेत्र में सोल्लासपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ।

  • Varnan Live Report.

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