Editorial- 19 वर्षों का युवा झारखंड

0
275

आज हम पूरे प्रदेश में झारखंड स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं। युवा झारखंड 19 वर्षों का सफर तय कर चुका है। विकास के अनगिनत सपनों के साथ आज ही के दिन देश के नक्शे पर एक नये झारखंड का उदय हुआ था। इन 19 वर्षों में झारखंड के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव तो आये हैं, लेकिन विकास के जिन सवालों को लेकर झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ था, वे सपने अभी अधूरे हैं। लम्बे आंदोलनों और संघर्षों के बाद बने इस प्रदेश की दु:खद स्थिति यह रही कि लगभग 14 वर्षों तक बनी विभिन्न सरकारों की अस्थिरता की वजह से यहां के बुनियादी सवाल गौण हो गये और राजनीतिक दलों में येन-येन-प्रकारेण सत्ता सिंहासन को लपकने की होड़ मची रही। लेकिन, भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश में विकास को एक नयी दिशा मिली और बहुत सारे लोकोन्मुखी कार्यक्रम चलाये गये। राज्य में विकास और जन-कल्याण की अनेकानेक योजनाएं चलायी गयीं। लेकिन, इन 19 वर्षों के इस सफर में अनेक सारी समस्याएं भी खड़ी होती गयीं। विगत 19 वर्षों में प्रदेश में कोई भी बड़े उद्योग नहीं लगे। बहुत सारे उद्योग बंद हो गये। बेरोजगारी बढ़ती गयी, रोजगार की तलाश में यहां के लोगों का पलायन दूसरे राज्यों में होता रहा और इसके कारण ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को मजबूत करने तथा नये झारखंड के सपने को धरातल पर नहीं उतारा जा सका। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम आज भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछले पांच वर्षों में राज्य की सरकार ने विकास और कल्याण की बहुत सारी योजनाएं संचालित की और खुद को काम करने वाली एक सरकार के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया। लेकिन, इस सरकार के कार्यों का मूल्यांकन तो आसन्न विधानसभा के चुनाव में राज्य की जनता को करना है। इसमें भी कोई संदेह नहीं कि प्रकृति ने जिस प्रदेश को अपनी अकूत सम्पदा प्रदान की है, वहां अगर सुनियोजित विकास के लिए कोई भी सरकार प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने का संकल्प ले ले तो झारखंड पूरे देश में शिखर पर पहुंच सकता है। 

– Varnan Live.

Previous articleJHARKHAND : जवां प्रदेश और राजनीतिक अस्थिरता
Next articleचंदनकियारी में अमर बाउरी व उमाकांत रजक के बीच सीधा मुकाबला
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply