-:प्रवीण झा :-
अफसोस, जे साल 2019 सेहो मिथिला मैथिली के कुनो बेस नमहर उम्मेदक किरण नै देखौलक। किछु विषय पर अपन बात रखबाक कोशिश केलहुं-
मिथिला आंदोलन : अहि साल नै त कोनो संगठन नव आस जगौलक आ’ नहिएं मिथिला-मैथिली के बात कोनो स्तर पर मुख्य मुद्दा बनि सकल। किछु मैथिल लोकसभा चुनाव में भाग लेला मुदा सहयोग आ’ एकजुटता के अभाव में लड़ि नहि सकलाह। राज्यक मांग वता संस्था सब कहूं भुतला गेलाह, संगहि स्टूडेंट यूनियन अपना मूल उद्देश्य के बिसरि स्वार्थ निहित मार्गदर्शन में पड़ि के अवनति के रस्ता पर अहि। आपसी कलह आ’ जल्दी नेता बनबाक ललक सम्बन्धी चेतावनी पछिलो साल देने रहियनि, मुदा हम महत्वपूर्ण नै। स्टूडेंट यूनियन के मात्र 5% सदस्य यूनियनक उद्देश्य पर कायम छथि…. विशेष गप्प सं लोक परिचिते छैथ।
साहित्य : मिथिला में साहित्य के नाम पर ई साल अवनति के मिसाल रहत। संभवत: मिथिला में नब साहित्य साहित्य कम, पुरस्कार आ’ सम्मान लेल अपना कें मजबूत करैत घोषणापत्र बेसी बुझना जाइत अछि। देख रहल छी जे एत्तेक घटिया स्तरक नब साहित्य छापल जा रहल अछि जे पाठक एकरे मैथिली साहित्य मानि किछु प्रतिशत उपलब्ध नीक साहित्य सेहो नै पढ़ि रहल छथि। ई परिपाटि रुकनाय अत्यावश्यक अछि। आब ओ समय आबि गेल छैक जखन क्वांटिटी के छोड़ि क्वालिटी पर ध्यान देनाई जरूरी छैक। अहि कार्य में लेखक, संपादक, प्रकाशक आ’ पाठक के सहयोग अवश्यम्भावी टा अहिये, लेखक के जिम्मेवारी सब सं बेसी…. फेसबुक पर किछु लाइक के आधार पर अपना अधखिज्जू रचना के कालजयी मानि प्रकाशक लग नै दौगी। किछु युवा नि:संदेह बहुत नीक लिखि रहलाह… अहि ठाम किनको नाम लेब उचित नै, मुदा किछु छथि जिनका पर ध्यान रहैत अछि। भगवान हिनका सबके नमहर आयोजक आ’ प्रकाशक सब सं बचाबथि आ’ हिनका कात केनिहार सब सं लड़बाक शक्ति सेहो प्रदान करथि से कामना।
एकटा बात स्पष्ट क’ दी जे कविता पाठ/कवि गोष्ठी आदि के हम साहित्य नै मानैत छियैक। हमरा हिसाबे कवि गोष्ठी संघक शाखा सन विचारक आदान-प्रदान, भेंटघांट आ’ ओहि सब सं ऊपर अपना आ’अपना संस्कृति के जिबैत रखबाक के जंत्र थिक। मैथिली साहित्य में गुटबाजी पुरान बात छी। एकरा बदौलति कतेक अधखिज्जू रचनाकार जिबते पूजनीय भ’ गेला आ’ एकरा अभाव में कतेक के लोक मरणोपरांत चिन्हलक। गुटबाजी के परिणामवश समालोचना सेहो प्रभावित रहल। ई हमर निजी विचार, जे आजुक समय में गुटबाजी कम अहि आ’ निष्पक्ष समालोचना द्वारा नब लेखक के मांजल जा सकैत अछि।
आयोजन : कखनो महाकवि विद्यापति जीक नाम पर, त’ कखनो बाबा नागार्जुनक स्मृति में जेहन आयोजन सभ 2019 में भेल, अफसोस सबकें सब मिथिला-मैथिली के लिए निरर्थक आ’ जमीनी हकीकत से कोसों दूर… किनको नेता बनबै के उत्सव वा फेर अपना के नेता घोषित करबाक उत्सव मात्र। किछु आयोजन नशा आ’ खाय लेल प्रसिद्धि पओलक त’ किछ प्लेट के हिसाब में गड़बड़ी लेल। एतबा नै आब त’ दू नंबर के पाय मैनेज करबा लेल आ’ बैलेंस बढ़ेबाक लेल सेहो आयोजन होईत छैक। अहि में ओहि आयोजकक प्रयास प्रशंसनीय जे सम्मान लेल रेट लिस्ट पहिने जारी क’ दैत छथिन। बहुत ध्यान दउगेला पर कोशी विमर्श, नागार्जुन स्मृति पर्व थोड़ेक आशा जगबैत अछि मुदा सर्वश्रेष्ठ प्रयास के हकदार छथि मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजन आ’ आयोजक सब। सम्मान, विद्यापति, कवि गोष्ठी आ’ नेता बनबैक धंधा सं अलग ई आयोजन विशुद्ध मिथिला-मैथिली से जुड़ल अपना में गाम घर के समेटने आ सबके अप्पन आयोजन महसूस करबाक मौका दैत अछि।
विकास : मिथिला उपेक्षित रहल अहि बात के कम से कम एक करोड़ बेर कहि चुकल होयब सब गोटे मुदा सुफल भेटब दिल्ली दूर सन। नहिएं एम्स, न कुनो इंजीनियरिंग कॉलेज आ नहिए एयरपोर्ट। ई सब त दूरक गप स्वास्थय व्यवस्था पहिने सौं और बेसी लचर, मुजफ्फरपुर में 200 बेड के अस्पताल बनबाक गप सेहो गायब आ’ रेल यातयात सेहो ओहिना जंगली सन। न कोनो क्रन्तिकारी विधायक, सांसद आ’ नहिएं कोनो नब आस। बाढ़ि के बांध फेर बाढ़िये लग बान्हल जायत। मुदा हमरा जनतबे मिथिला में पिछड़ल विकास लेल सरकार आ’ कोनो जन प्रतिनिधि से बेसी जन जागृति के अभाव सब सं बड़का कारण। लोक एखनहुं नेता आ’ अधिकारी के संपर्क मात्र सं तृप्त भ’ जाइत छथि। लोक नेता संगे फोटो खिंचा कें सबटा बिसरि जाइत छथि। जा धरि हम आहां सवाल नै पूछबेक ता’ किछ नीक सोचनाइयो पाप। हम सब राजनैतिक शक्ति के आगी डिमांडिंग नै छी, हमरा-आहा के डिमांड में एकमुश्त प्रयासक अभाव सेहो।
राजनीति : राज्य स्तर पर मिथिला के एखनहुं नेता केर अभाव अहि। ओ चाहे कोनो दल होइक, किनके मोन में प्राथमिकता मिथिला नै बल्कि स्वयं के कैरियर छन्हि। सबटा एमएलसी, विधायक वा’ सांसद मात्र अपना आका सबहक आगां नांगरि डोलबय में माहिर। दिल्ली में मिथिला के हजारों नेता छथि मुदा सब मिथिला-मैथिली मात्र कोनो पद लेल क’ रहलाह। किनको न मिथिला सं मतलब आ’ नहिएं समाजक नीक सौं। गाम घर सं आयल मैथिल एखनहुं कोनो पैरवी लेल ओहिना बौआइत छथि। दुर्भाग्य जे मिथिला सं दिल्ली धरि एक्कहु टा नेता सम्भावना जगबैत नै देखाय पड़लाह 2019 में।
(लेखक स्वतंत्र विचारक व समीक्षक छथि।)