विजय दिवस… मां भारती और शहीदों की जय-जयकार से गूंजा इलाका, खूब लहराए तिरंगे

0
316

बोकारो ः भारतीय सेना के विजय दिवस (16 दिसंबर) के अवसर पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से बुधवार को बोकारो के सिटी पार्क स्थित शहीद उद्यान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ-साथ डीडीसी जय किशोर प्रसाद, चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा समेत कई प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता व अन्य गणमान्य जन शामिल हुए। सबों ने देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर डीडीसी प्रसाद कहा कि आज हम चैन से सो रहे हैं, इसका सारा श्रेय सीमा पर तैनात सैनिकों को जाता है। अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा ने  सैनिकों का सम्मान सर्वोपरि बताया। सिटी डीएसपी ज्ञान रंजन ने भी सैनिकों के सम्मान के प्रति पुलिस परिवार की कटिबद्धता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सैनिक सेवा परिषद के रजनीश कुमार ने किया। जबकि, आयोजन की सफलता में राकेश मिश्रा, सुरेश बाबू, संजीव कुमार, राजीव कुमार, एस. के मल्लिक, रांजहंस, मनोज कुमार, शत्रुघ्न सिंह, कैप्टन गौरी शंकर (सेना मेडल), शशिभूषण मिश्रा, रजनीश तिवारी, अमित कुमार, राजीव रंजन सिन्हा, राज कुमार, विनय कुमार, प्रदीप झा, सिद्धेश नारायण दास अादि ने अहम भूमिका निभाई

1971 की जंग में शामिल भूतपूर्व सैनिक किए गए सम्मानित
श्रद्धांजलि सभा के दौरान मौके पर मौजूद 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के पूर्व सैनिक अवधेश प्रसाद, प्रह्लाद प्रसाद वर्णवाल एवं एसके सिंह को सम्मानित किया गया। इस क्रम में इन तीनों ने युद्ध से संबंघित अपने अनुभव भी साझा किए। बता दें कि विश्व इतिहास के सबसे बड़े युद्ध, जिसमें भारतीय सेना ने मात्र 12 दिनों में पाकिस्तान के 93000 सैनिकों का बिना शर्त सशस्त्र आत्मसमर्पण करवाया था वो अपने आप में एक भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा है। 16 दिसंबर, 1971 को इसी उपलक्ष्य में हर साल विजय दिवस मनाया जाता रहा है।

– Varnan Live Report.

Previous articleInitiative… ESL launches Archery Academy to enbright the sports talents
Next articleसदाचार और अनुशासन की प्रेरणा ले विदा हुए सिटी कॉलेज से स्नातक के विद्यार्थी
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply