धर्म योद्धाओं पर अत्याचार और हत्या के पाप का भाग आप को भी मिलेगा, मोदी जी ।

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आदरणीय श्री मोदी जी , हाल की घटनाओं से कुछ विचलित हूँ । भारत वर्ष में हिन्दू हित की बात करने वालों पर क्या क्या अत्याचार हो रहा है उसकी जानकारी आपको भी है। भीड़ तंत्र जिस तरह हावी हो रहा है और सत्य और असत्य की व्याख्या जिस तरह से भीड़तंत्र द्वारा की जा रही है उससे यह सिद्ध होता जा रहा है कि धर्म द्वारा स्थापित न्यायिक व्यवस्था अब भीड़ तंत्र द्वारा संचालित हो रही है।

यथा राजा , तथा प्रजा । ऐसा बचपन से सुना था। भीष्म पितामह ने शर शय्या पर युधिष्ठिर से कहा था कि प्रजा के कष्ट राजा के कष्ट का कारण बनता है। धर्म की स्थापना के लिए जो प्रजा अपने जीवन को समर्पित करने की इच्छा रखे, राजा का यह कर्तव्य है कि वह उनकी रक्षा करे। आपके राज्य में काजल को भीड़ तंत्र की खातिर जेल भेज दिया जाता है। आप ही बताएं ऐसी स्थिति में कोई हिन्दू महिला धर्म के कार्य के लिए समाज में खड़ी हो पाएगी क्या। हर बार नुपुर शर्मा हो या काजल हिन्दूस्तानी हो ‘ आपकी तंत्र ने भीड तंत्र से मात खाई है। महारथी कर्ण ने धर्म का साथ नही छोड़ा था पर उनकी गलती यह थी कि उन्होंने उनका साथ नहीं दिया जिनके साथ धर्म खड़ा था।

महात्मा गांधी पूरी जिन्दगी मुसलमानो से एकता की बातें करते रहे और अंततः भारत के विभाजन कर बैठे । मुझे लगता है आप फिर से एक बार ऐसी गलती दुहरा रहे हैं ! आपकी पार्टी और आपकी सरकार फिर से ऐसा कार्य कर रही है जिससे इस बात का आभास होता है कि आपने इस्लामी मानसिकता की सच्चाई से अपना नाता तोड़ लिया है। आपके हिसाब से पसमंदा समाज अगर लाभार्थी हो जाएगा तो वह सरकार के करीब आ जाएगा और वो आपकी पार्टी को वोट देने लगेगा। यह आपकी एक बड़ी भूल है और मुझे डर है कि यह आपके जिन्दगी की सबसे बड़ी भूल हो जाएगी । अगर एक बार उस पासमंदा समाज ने आपको वोट दे भी दिया फिर भी वह कभी हिंदू समाज के लिए मित्रता नहीं रख सकता है।

हिमालय में बैठे सूक्ष्म शरीर धारी योगीयों और मनीषियों की इच्छाओं और आकाक्षाओं की धूरी आप है।  आपने मंदिर बनवाया, आपने कश्मीर मे शाशकीय परिवर्तन किया, पर ये सब सभ्यतामूलक परिवर्तन नहीं हैं। सभ्यतामूलक परिवर्तन तब होगा जब आप इस पावन धरती को इस्लामीकरण के आक्रमण से बचाएंगे । जब शाशन और विधि के विधान में हिन्दू विरोधी प्रावधानो को समाप्त करेंगे । आज के इन इस्लामी आक्रांताओं नें हिन्दू समाज के मानवतावादी मूल्यों को ही अपना हथियार बनाकर हिन्दुओं के विरुद्ध युद्ध छेड़ रखा है । आप भी इस कड़ी में उनके लिए हथियार ही हैं। आपका ” सबका साथ सबका विकास ” उनके लिए एक ऐसा हथियार है जिसको उपयोग कर के तुष्टिकरण की नीति को तृप्रिकरण में बदल रहे हैं।

इस्लाम एक धर्म नहीं है , अपितु यह एक मानसिकता है । पसमांदा समाज कभी अपना दिमाग नहीं लगाता क्योंकि इस्लाम में दिमाग असराफ के पास होता है। असराफ यह कभी होने नहीं देगा कि इस्लाम का कोई कोना भी काफिरों के साथ मिल जाए। आप देख लें इतिहास से लेकर वर्तमान तक – असराफ ने शाशन से सम्बन्ध बनाया और उसी के बल पर पूरे समाज का इस्लामीकरण किया। आज भारत भूमि सभ्यता की आखिरी युद्ध में है और आप उस युद्ध के नायक हैं। शास्त्रो के हिसाब से युद्ध के नियम सारे प्रतिद्वन्दी पर एक समान लागू होने चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो युद्ध के नियम बदल देने चाहिए। अर्जुन ने कर्ण को युद्ध नियम के विरुद मारा क्योंकि उसने ऐसा ही अभिमन्यू के साथ किया था । हमारे पूर्वजों ने अगर बारह सौ साथ पहले राजा दाहिर के रूप में और हजार साल पहले पृथ्वीराज चौहान के रूप में अगर इस बात को समझा होता और युद्ध को अपने नियमों के आधार पर नहीं परन्तु आक्रान्ताओं के नियमों के आधार पर लड़ी होती तो आज यह समस्या होती ही नही और अखण्ड भारत के टुकड़े नही होते। ना मुहम्मद कासिम जिन्दा होता और ना ही गोरी पहली बार हारने के बाद बचकर जाता । आज वही समय है और समयानुसार क्षात्र धर्म का पालन करना आवश्यक है।

कृपया ध्यान रहे : हिन्दू जिस गति से जाग रहा है उसका अंदाज आपकी शाशन को या आपको शायद नहीं है। जो आज के दिन अस्सी साल से ऊपर हैं उन्होने आपमे वह उम्मीद देखी है जो उनके साठ और सत्तर के दशक में मिले हताशा को उनके मरने से पहले खुशी में बदल देगा। जो आज कुछ दिन पहले सेवानिवृत हुए है और पैसठ से ऊपर है, उन्हे इस बात का पूरा ज्ञान है कि उन्होंने अपने जमाने में पूरी ऐतिहासिक धरोहर गलत पढी है और उनके साथ धोखा हुआ है तथा उन्हें यह उम्मीद है कि आप उन धरोहर को फिर से उसी सम्मान के साथ स्थापित करेंगे। जो आज पचास के आसपास है उसमें एक बहुत बड़ा तबका वह है जो इस बात के इन्तजार में है कि वह सेवानिवृत हो जाए और हिन्दू धर्म की सेवा में उतर जाएं। आप इन सबकी उम्मीद के केन्द्र बिन्दु में हैं।

उम्मीदों की फेहरिस्त छोटी है और आपके हाथों में है

  • हिन्दुओं के मंदिरों को हिन्दुओं के हवाले । नियमावली बना दें , कार्यकारी नियम और फिर उसकी देखरेख की नियम प्रक्रिया सुनिश्चित कर दें पर हिन्दुओं के हाथ में दे हैं
  • Places of worship act में शंशोधन
  • भारत को पूरे विश्व के हिन्दुओं की धरती घोषित करें । CAA त्वरित लागू करें
  • अल्पसंख्यक वर्ग की व्याख्या मे बदलाव और अल्पसंख्यक मंत्रालय का विलय सामाजिक न्याय मंत्रालय में कर दें
  • वक्फ बोर्ड को निरस्त कर दें

बस और कुछ नही

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