बोकारो। क्या बड़ा, क्या छोटा, कौन हिन्दू, कौन, मुस्लिम और कौन सिक्ख, बोकारो में बुधवार को सबों ने मिलकर धूमधाम से ईद उल फितर का त्यौहार मनाया। जाति-धर्म, ऊंच-नीच का भेद और सारे गिले-शिकवे भुलाकर सबों ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। सुबह से ही बोकारो, चास सहित आसपास के इलाके में स्थित मस्जिदों और ईदगाहों में सजे-धजे युवा, बुजुर्ग और बच्चों की भीड़ लगनी शुरू हो गयी। तमाम मस्जिदों में नमाजियों का सैलाब उमड़ पड़ा। पूरी अकीदत के साथ मस्जिदों और ईदगाहों में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने ईद की नमाज अदा की। इसके बाद एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। चांद दिखने के बाद पूर्व से निर्धारित समय के अनुसार उकरीद, सिवनडीह, डुमरो, अाजाद नगर, हैंसाबातू, मखदुमपुर, इस्लामपुर, मिल्लत नगर, सिजुआ, झोपरो, बालीडीह, भर्रा, अंसारी मुहल्ला, सुल्तान नगर, गौस नगर, चास, न्यू पिंड़रगोडिया, सोलागीडीह, करमागोड़ा, पिपराटांड़, महेशपुर, धनधरी, पंचौरा, रामडीह, वास्तेजी, आगरडीह, रजा नगर, मोहनडीह, जाला, घटियाली, सोनाबाद आदि मुस्लिम बहुल्य इलाकों में ईद की नमाज अदा की गई। छोटे-छोटे नन्हें रोजेदारों द्वारा नमाज की अदायगी खास व देेखने लायक बनी रही। सेक्टर-4 स्थित जामा मस्जिद की रौनक तो आज देखते ही बन पड़ रही थी। हजारों की संख्या में लोगों ने यहां पहुंचकर ईद की नमाज अदा की। इस मौके पर लोगों ने अपने घरों में मीठी सेवईं और तरह-तरह के पकवानों का भी आनंद लिया तथा इन्हें दोस्तों, परिजनों और सगे-संबंधियों में बांटा। जबकि बड़ों ने अपने छोटों को ईदी के तौर पर कोई तोहफा या कुछ रकम भी अदा की। सोशल मीडिया पर भी ईद की मुबारकबाद देने का सिलसिला जोरों पर चलता रहा।

दूसरी तरफ शहर की सड़कों पर आंखों में सूरमा लगाये, रंग-बिरंगे कुर्ता-पायजामा और भांति-भांति के कपड़े पहने इत्र महकाते युवाओं की टोलियों की खास चहल-पहल बनी रही। बोकारो के सिटी सेन्टर, चास व अन्य बाजारों के होटलों, रेस्तरां, पार्क में दिनभर इनकी भीड़-भाड़ लगी रही। बोकारो मॉल में तो घूमने वालों की कतार ही गय गयी। इन्हीं में से कुछ युवकों को तेज रफ्तार में पूरी मस्ती के साथ बाइक दौड़ाते और पान गुमटियों पर सिगरेट का छल्ला उड़ाते भी पाया गया, पर कुल मिलाकर एक माह के रमजान के बाद आज पूरे शहर में ईद उल फितर हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
गौरतलब है कि ईद-उल-फित्र के दिन सुबह की नमाज का खास महत्व होता है। इस दिन मुसलमान किसी पाक साफ जगह पर जिसे ईदगाह कहते हैं, वहां इकट्ठे होकर दो रकात नमाज शुक्राने की अदा करते हैं- ए अल्लाह, आपका शुक्रिया कि आपने हमारी इबादत कबूल की। इसके शुक्राने में हम दो रकात ईद की नमाज पढ़ रहे हैं। सभी मुसलमानों को ईद उल फित्र के मौके पर फितरा यानी जकात अदा करना आवश्यक माना गया है।
- Varnan Live, Bokaro. (05/06/2019)