मेजर ध्यानचंद को मिले “भारतरत्न”, खेल दिवस पर उठी मांग

0
597

सम्मानित किए गए पुराने खिलाड़ी व प्रशिक्षक

बोकारो ः गुमनाम स्पोर्ट्स क्लब की ओर से रविवार को सेक्टर-5 में राष्ट्रीय खेल दिवस जोश व उमंग के साथ मनाया गया। इस दौरान बोकारो के पुराने खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को उनके अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने मेजर ध्यानचंद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए राजेश कुमार सिंह ने कहा कि आज बहुत ही गौरव का क्षण है कि आज बोकारो के पुराने प्रशिक्षक एवम खिलाड़ी एक साथ उपस्थित हैं। आने वाली पीढ़ियों को एक सकारात्मक संदेश जाएगा। ततपश्चात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाने वाले अनूप मिंज, एंजेला सिंह, जयदीप सरकार, अजय सिंह को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अरुण कुमार पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। इस दौरान सम्मानित किए गए प्रशिक्षकों व पुराने खिलाड़ियों में एथलेटिक्स से आरबी साहु, बास्केटबॉल में राम नारायण पंडित, अभिमन्यु कुमार, कुश्ती में दीना यादव, उदय भान सिंह, कबड्डी में विपिन सिंह, खो-खो के लिए एएन पांडेय, वॉलीबॉल में कमलेश होता, सुबीर नंदी, पीपी सिंह, मंतोष चौधरी, फुटबॉल में लालबाबू यादव, मदन राम, सलीम खान, दिनेश कुमार, भारोत्तोलन में राजेंद्र प्रसाद, हॉकी में एएन खान, हैंडबॉल में राम लखन मिस्त्री, शारीरिक शिक्षा में डीपी शर्मा शामिल रहे। इस अवसर पर मेजर ध्यानचंद के पुत्र ओलंपिक खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद के द्वारा भेजे गए रिकॉर्ड वीडियो संदेश को दिखाया गया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में खेल को अनिवार्य रूप से स्वीकार करते ही देश मे पदकों की संख्या बढ़ेगी। सभी अतिथियों ने अपने अपने अनुभव को साझा किया। अजय सिंह ने कहा कि मेजर ध्यानचंद को खेल की दुनियां में अति विशिष्ट योगदान के लिए यथाशीघ्र भारत रत्न मिलना चाहिए। जयदीप सरकार ने कहा कि खेल हमें देशभक्ति, खेल भावना तथा एक दूसरे का सम्मान करना सिखाता है। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अरुण कुमार ने कहा कि खेलन हमें जीवन के हर मोड़ पर अनुशासन का पाठ सिखाता रहता है। कार्यक्रम का संचालन राजेश कुमार सिंह व संजीव कुमार सिंह  ने किया।

– Varnan Live Report.

Previous articleअनाज और खाद्य भंडारण में खास स्टील की जरूरत पूरी करेगा BSL, दूसरे देशों से आने वाले इस्पात का यहीं किया उत्पादन
Next articleदुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई…. मुकेश की याद की संगीत संध्या
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply