दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई…. मुकेश की याद की संगीत संध्या

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बोकारो ः महान पार्श्वगायक मुकेश की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में स्वरांगिनी संगीतालय, सेक्टर 12 में ‘एक शाम मुकेश के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन कर कलाकारों ने उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी। सुप्रसिद्ध गायक अरुण पाठक ने कहा कि मुकेश की गायकी जनमानस के दिलों को छूती है। मुकेश जी को इस दुनियां से गये हुए 45 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन उनके गाए गीत आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। आज मुकेश सशरीर इस दुनियां में नहीं हैं, लेकिन उनके गाए गीत संगीत-प्रेमियों को सदैव लुभाते रहेंगे। रमण कुमार ने कहा कि मुकेश की गायकी कमाल की थी। खासकर, उनके गाए दर्द भरे नग्में काफी लोकप्रिय हुए। राम एकबाल सिंह ने कहा कि मुकेश के गाए गीतों में जो सादगी है, वह दुर्लभ है। अमोद श्रीवास्तव ने कहा कि मुकेश ने कम गीत गाए, लेकिन उनके गाए अधिकतर गीत लोकप्रिय हुए।

बसंत कुमार ने कहा कि वे बचपन से ही मुकेश के गाए गीतों के दीवाने हैं।अरुण पाठक ने ‘जाने कहां गए वो दिन…’, ‘हम छो़ड़ चले हैं मेहफिल को…’, ‘ऐ सनम जिसने तुझे चांद सी सूरत दी है…’, ‘दुनियां बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई…’, सुनाकर समां बांध दिया। बसंत कुमार ने ‘सुहानी चांदनी रातें हमें सोने नहीं देती…’, राम एकबाल सिंह ने ‘मैं ढूंढ़ता हूं जिनको…’, रमण कुमार ने ‘हम तुमसे मुहब्बत करके सनम…’, अमोद श्रीवास्तव ने ‘जुबां पे दर्द भरी दास्ता…’ सुनाकर मुकेश जी को सुरमयी श्रद्धांजलि दी।

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