– Ram Chandra Mishra “Madhukar”

योग नहि थिक कला कौशल,
योग अनुपम धर्म थिक,
योग थिक विज्ञान धन,
तन मन सुधारक कर्म थिक।

विज्ञान ई व्यवहार कार्यक,
करय सेवा मनुज जीवन
रोग केर कारण हटाएब,
स्वस्थ्य अनुखन मानवक तन।

मोक्ष अछि उद्देश्य योगक,
करय मनुजक, दु:ख हरण,
क्लेश बंधन वासना सं,
मुक्तिदाता ऋषिक चिन्तन।

परम लक्ष्य ई जीवनक अछि,
पुरुषार्थ प्राप्तिक परम साधन,
जीवनक उत्थान पथ ई,
रोग मुक्तिक भोग साधन।

शारीरिक बल बुद्धि विकसित,
आयु आ’ सौन्दर्य बढ़य
प्राण शक्तिक अभ्युदय हो,
ध्यान मानस शान्ति भेटय।

योग हो जीवनक शैली,
योग कर्मक क्रान्ति साधन
करी जन मानस कें जागृत,
लक्ष्य बनाबी योग जीवन।

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