मातृभूमि के परवानों का प्यारा हिन्दुस्तान है,
लाल किले पर आज तिरंगा बलिदानी पहचान है।
आजादी के महासमर में खूब लड़े बुन्देले थे,
मर मिटने की चाह के शूर वीर अलबेले थे।
भगत, चन्द्रशेखर, खुदी, मंगल देश के अभिमान हैं
रानी झांसी की गौरव-गाथा गाता सकल जहान है।

रुके नहीं थे, झुके नहीं थे, रखा राष्ट्र बहुमान है,
रणवीरों के खून से पायी आजादी वरदान है।
अमर शहीदों की धरती पर सदा सर्वदा मान रहे,
अजेय रहे राष्ट्र जागरण उन्नत पथ अभियान रहे।

नहीं सहेंगे राष्ट्रद्रोह को कुचलो अब जयचन्दों को
मार भगाओ, सबक सिखाओ दानव दुष्ट दरिंदों को।
जागो-जागो देशवासियों करना नवनिर्माण है।
शहीदों की बदौलत ही आज हिन्दुस्तान है।

होम हुए जो वीर देश पर
श्रध्दा सुमन चढ़ायें हम,
जूझ रहे हैं जो सीमाओं पर
उनका मान बढ़ाये हम।

– उषा झा, बोकारो।

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