गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में इस बार विचित्र चुनावी संयोग की संभावना, चर्चा का बाजार गर्म

चंद्र प्रकाश चौधरी को स्वजातीय उम्मीदवारों ने दी है कड़ी टक्कर, अब फैसला जनता के हाथ

‘टाईगर’ के नाम से मशहूर निर्दलीय उम्मीदवार जयराम महतो का चुनावी दंगल में कूदना आजसू उम्मीदवार के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। चन्द्र प्रकाश चौधरी को केवल अपने कोर वोटरों के अलावा भाजपा के परंपरागत मतदाताओं का भरोसा है तो झामुमो के मथुरा महतो इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ-साथ आदिवासी और झामुमो के समर्पित मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हैं। श्री महतो जहां अपनी चुनावी सभाओं में वर्तमान सांसद आजसू के चन्द्र प्रकाश चौधरी को ललकार रहे हैं, वहीं जयराम महतो की गर्जना इन दोनों को डरा रही है।

विजय कुमार झा

बोकारो। गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में इस बार विचित्र संयोग बनने की संभावना है। वर्ष 2019 के चुनाव में गिरिडीह संसदीय सीट एनडीए गठबंधन की सहयोगी आजसू पार्टी ने भाजपा की झोली से छीनी थी। गिरिडीह से भाजपा के पांच बार के सांसद रहे तत्कालीन सांसद रविन्द्र कुमार पांडेय को इस सीट से बेदखल कर आजसू ने भाजपा नेतृत्व से यह सीट अपनी झोली में ली थी और रामगढ़ के विधायक व राज्य सरकार के मंत्री चन्द्र प्रकाश चौधरी को उम्मीदवार बनाया था। संयोगवश, चन्द्र प्रकाश चौधरी गिरिडीह से सांसद भी निर्वाचित हुए। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी यह सीट आजसू पार्टी के खाते में ही रह गई और चन्द्र प्रकाश चौधरी पुन: चुनाव मैदान में हैं। लेकिन, इस बार उन्हें अपने दो अन्य स्वजातीय उम्मीदवारों ने ही कड़ी चुनौती दी है। यहां से इंडी गठबंधन की ओर से झामुमो के मथुरा प्रसाद महतो उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इसी बीच अपने समर्थकों के बीच ‘टाईगर’ के नाम से मशहूर निर्दलीय उम्मीदवार जयराम महतो का चुनावी दंगल में कूदना आजसू उम्मीदवार के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। चन्द्र प्रकाश चौधरी को केवल अपने कोर वोटरों के अलावा भाजपा के परंपरागत मतदाताओं का भरोसा है तो झामुमो के मथुरा महतो इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ-साथ आदिवासी और झामुमो के समर्पित मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हैं।

मथुरा महतो जहां अपनी चुनावी सभाओं में वर्तमान सांसद आजसू के चन्द्र प्रकाश चौधरी को ललकार रहे हैं, वहीं जयराम महतो की गर्जना इन दोनों को डरा रही है। क्योंकि, जयराम की सभा में लाखों की भीड़ जमा हो रही है।
जयराम अपनी सभाओं में गिरिडीह के आजसू प्रत्याशी चन्द्र प्रकाश चौधरी और धनबाद की कांग्रेस उम्मीदवार अनुपमा सिंह के पति बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह पर भी जोरदार हमले कर रहे हैं। एक सभा को संबोधित करते हुए जयराम ने कहा – जो नेता यहां से जीतकर जाएगा, वह हमारे बच्चों की दवाई, पढ़ाई और कमाई की बात करेगा। लेकिन, आज देखिए, अगर गिरिडीह लोकसभा की बात करें तो यहां के जो सांसद हैं, उन्होंने कभी यहां के जनमानस की चिन्ता नहीं की। उन्होंने चिन्ता की खुद गिरिडीह से सांसद और पत्नी को रामगढ़ से विधायक बनाने की। इसी तरह कांग्रेस के अनूप सिंह खुद बेरमो के विधायक बने और अब पत्नी को धनबाद से लोकसभा से सांसद का चुनाव लड़वा रहे हैं। इन दोनों की गजब कहानी है।
गिरिडीह लोकसभा और बेरमो विधानसभा की कहानी गजब है। एक की पत्नी विधायक और पति सांसद और दूसरे खुद विधायक और पत्नी को सांसद बनाने की तैयारी में हैं। मतलब, कोयला भी उनका, लोहा भी उनका, बालू भी उनका, पत्थर भी उनका। बाकी जनता गरीबी में पिसती रहे, उन्हें कोई मतलब नहीं। जयराम की यह चुनौती आजसू के लिए भारी पड़ रही है। बहरहाल, ऐसे में निर्दलीय जयराम महतो (टाईगर) की दहाड़ और मथुरा महतो की ललकार से चन्द्र प्रकाश की जीत पर कहीं ग्रहण न लग जाए। वैसे, इसका फैसला तो क्षेत्र के मतदाताओं को ही करना है कि वे इस बार गिरिडीह से किसके सिर पर जीत का ताज पहनाते हैं।

– Varnan Live Report.

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