होमगार्ड जवान समेत तीन लोगों की लटकी गिरफ्तारी की तलवार, यहां पढ़ें क्या है प्राथमिकी में…

“जानवर कौन?” – शहर में गरमाई बहस! यहां देखें Viral Video (साभार- Social Media)


बोकारो: नगर के हरला थाना क्षेत्र अंतर्गत सेक्टर-11 में एक लंगूर के साथ हुई अमानवीय क्रूरता ने पूरे चास-बोकारो को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर बेजुबान लंगूर की बेरहमी से पिटाई का एक सनसनीखेज वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसने इंसानियत पर सवालिया निशान लगा दिया है। यह घटना शनिवार को होमगार्ड जवानों और कुछ अन्य लोगों द्वारा लंगूर को ‘बचाव’ के नाम पर पकड़े जाने के बाद हुई, जब उसे एक कार के भीतर कैचर से जकड़कर लाठियों से पीटा गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस क्रूरता को वन विभाग के अफसरों और कर्मियों की मौजूदगी में अंजाम दिया गया।

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FIR दर्ज: तीन नामजद, मंटू सिंह, अरविन्द कुमार और श्रीकांत मास्टर पर केस!


इस मामले ने सोमवार को गंभीर मोड़ ले लिया जब बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) रजनीश कुमार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर, शाम को चास वन परिसर के वनरक्षी शशिकांत महतो ने हरला थाने में मंटू सिंह (होमगार्ड जवान), अरविन्द कुमार (सेक्टर-11डी निवासी) और श्रीकांत मास्टर (सेक्टर-11सी निवासी) के खिलाफ नामजद प्राथमिकी (FIR) दर्ज करा दी है।


दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 25.07.2025 को चास वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों ने नेहरू जैविक उद्यान, बोकारो के कर्मियों और सीआईएसएफ के जवानों की मदद से लंगूर को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन दिनभर सफलता नहीं मिली। वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर रांची से बिरसा जैविक उद्यान, ओरमांझी की विशेष रेस्क्यू टीम बुलाई गई, जिसने 26.07.2025 को लंगूर को सफलतापूर्वक पकड़ लिया। हालांकि, लंगूर को सुरक्षित रूप से पिंजरे में बंद करने से ठीक पहले, कुछ अज्ञात स्थानीय व्यक्तियों ने उत्तेजना में आकर लंगूर को लाठियों से बेदर्दी से पीटा। इस पूरी घटना को किसी व्यक्ति ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे एफआईआर में नामित तीनों व्यक्तियों की पहचान हुई।

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डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि लंगूर ने पिछले 15 दिनों से बोकारो स्टील सिटी में आतंक मचा रखा था, जिससे स्कूली छात्रों सहित कम से कम 20 लोग घायल हो गए थे, जिसके कारण लोगों में गुस्सा था। बचाव अभियान के लिए वन विभाग से संपर्क किया गया था और चार दिनों के प्रयास के बाद रांची से बचाव दल को बुलाया गया। डीएफओ ने पुष्टि की कि बचाव अभियान के दौरान वन विभाग के एक कर्मचारी ने लंगूर को पकड़ लिया, जिसके बाद कुछ लोगों ने अचानक उसे लाठियों से पीटना शुरू कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, “गुस्सा स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें जानवर को इस तरह पीटने का अधिकार नहीं है।”

घटना के बाद वन विभाग के लोग बुरी तरह घायल लंगूर को बोकारो स्थित जवाहरलाल नेहरु जैविक उद्यान ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसका प्रारंभिक इलाज किया। इस बीच, बोकारो के जाने-माने पशुप्रेमी, पशुसेवक एवं युवा समाजसेवी प्रशांत द्विवेदी की सराहनीय पहल पर घायल लंगूर को बेहतर इलाज के लिए रांची वेटनरी कॉलेज भेजने की तैयारी चल रही है। प्रशांत ने डीएफओ से मिलकर इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई, जिस पर डीएफओ ने भी संवेदना व्यक्त की और कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशांत ने इस प्रकार की घटना को बेहद निंदनीय बताया। मौके पर जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. मनोज मणि भी मौजूद थे।

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पशुप्रेमी प्रशांत द्विवेदी ने बताया कि बंदर या लंगूर आम तौर पर बिना छेड़े कभी उग्र रूप नहीं लेते और किसी पर हमला भी नहीं करते। उन्होंने दावा किया कि जो लंगूर इतना हिंसक हुआ, कुछ न कुछ कारण अवश्य रहा होगा। ऐसे अकारण ये लंगूर इतने उग्र हो ही नहीं सकते। ये अक्सर भोजन व पानी की तलाश में शहर की तरफ आते हैं। ये बेजुबान तो खुद शहर से भागते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनका प्राकृतिक आवास छिनता जा रहा है और वे मजबूरन खाने-पीने की तलाश में भटककर इंसानी बस्तियों में आ जाते हैं। उन्होंने लोगों से संवेदनशीलता और सावधानी का परिचय देने की अपील की, न कि उन्हें छेड़ें या उन पर हमला करें।

  • Varnan Live Report.

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