बोकारो थर्मल की सड़कों पर फूटा गुस्से का ज्वालामुखी, हजारों लोगों की हुंकार ने प्रबंधन को हड़काया

कुमार संजय
बोकारो थर्मल
: बुधवार का दिन बोकारो थर्मल के इतिहास में एक साधारण दिन नहीं था। यह वो दिन था जब डीवीसी की विवादित ‘स्मार्ट मीटर नीति’ के खिलाफ आम जनता के सब्र का बांध टूट गया और गुस्से का ऐसा ज्वालामुखी फटा जिसकी तपिश ने डीवीसी प्रबंधन के होश उड़ा दिए। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत, नागरिक अधिकार मंच के झंडे तले गोविंदपुर की छह पंचायतों की आवाम, उनके चुने हुए प्रतिनिधि, डीवीसी के पेंशनर, यूनियन के नेता और खुद डीवीसी के कर्मचारी, सब एक साथ गोविंदपुर डी पंचायत सचिवालय पर इकट्ठा हुए।

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रैली नहीं, जनाक्रोश का सैलाब

यहां से जो शुरू हुआ, वो कोई मामूली रैली नहीं, बल्कि एक ‘जनाक्रोश का महा-सैलाब’ था। हजारों की तादाद में उबलता जनसैलाब, जिसमें मर्द और औरतें कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे, अपने हाथों में डीवीसी और उसकी दमनकारी नीतियों के खिलाफ आग उगलती तख्तियां और बैनर थामे हुए थे। यह हुजूम झारखंड चौक, डीवीसी उच्च विद्यालय, डिग्री कॉलेज, डीवीसी अस्पताल मोड़ और रेलवे गेट को अपनी हुंकार से दहलाता हुआ सीधे पावर प्लांट के मेन गेट पर जा पहुंचा। गेट पर पहुंचते ही माहौल में और गर्मी आ गई और डीवीसी के खिलाफ नारों से आसमान गूंज उठा।

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पावर प्लांट का मेन गेट एक छावनी में तब्दील हो चुका था, जहां एक विशाल सभा का आयोजन किया गया। इस सभा की अध्यक्षता डी पंचायत की मुखिया चंदना मिश्रा ने की और मंच से एक के बाद एक वक्ताओं ने अपनी दहाड़ से डीवीसी प्रबंधन को सीधी चुनौती दे डाली। रिंकू सिंह, रामेश्वर साव, राजदेव सिंह, जोधन नायक से लेकर जिप सदस्य शहजादी बानो और मंच के संयोजक भरत यादव तक, हर किसी की आवाज में एक ही गूंज थी – डीवीसी अपनी मनमानी बंद करे! सभा को नवीन कुमार पाठक, आरएस पांडेय, श्रवण सिंह, मोतीलाल महतो, मंजूर आलम, सुषमा कुमारी, सीमा देवी, संजय सिंह, मो. शाहजहां, जगरनाथ राम आदि भी ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने एक स्वर में डीवीसी की स्मार्ट मीटर नीति को ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया और कहा, “डीवीसी प्रबंधन को जो काम जनता के हित में करना चाहिए, वो उसे छोड़कर ‘अनाप-शनाप’ काम करके यहां के शांत औद्योगिक माहौल में आग लगाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हम ये किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

नेताओं ने खुला अल्टीमेटम देते हुए कहा, “अगर डीवीसी प्रबंधन ने तुरंत स्मार्ट मीटर का यह काला कानून वापस नहीं लिया, तो यह तो सिर्फ एक झांकी है, असली फिल्म अभी बाकी है! हम पावर प्लांट और ऐश पॉन्ड का चक्का जाम कर देंगे, डीवीसी के बड़े-बड़े अधिकारियों के आवासों का घेराव होगा और उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया जाएगा!”

गुस्से में भरे वक्ताओं ने याद दिलाया कि डीवीसी की स्थापना यहां के विस्थापितों और स्थानीय लोगों को सिर्फ ‘छाई फांकने’ और प्रदूषित नदियों का पानी पिलाने के लिए नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं देने के लिए हुई थी। लेकिन आज प्रबंधन अपनी राह से भटक गया है, जिसे नागरिक अधिकार मंच का डंडा ही रास्ते पर लाएगा। सभा के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विनीता प्रसाद ने किया।

लगभग दो घंटे तक पावर प्लांट के गेट पर यह हाई-वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। पूरी भीड़ टस से मस नहीं हुई। माहौल की गंभीरता को देखते हुए सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार प्रसून और आरके शर्मा अपनी टीम के साथ और स्थानीय थाने से सअनि बैजुन मरांडी भी मौके पर डटे रहे।

आखिरकार, जनता के आक्रोश के आगे प्रबंधन को झुकना पड़ा। डीवीसी के डीजीएम काली चरण शर्मा के निर्देश पर, डीजीएम विद्युत सुरजीत सिंह और जितेंद्र सिंह खुद सभा स्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारी नेताओं से मुलाकात की। नेताओं ने उन्हें अपनी आठ-सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा और साफ चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो अगला आंदोलन इससे भी भयानक होगा।

इस ऐतिहासिक प्रदर्शन में मुख्य रूप से देवंती देवी, अशोक सिंह, जानकी महतो, संजय प्रसाद, टुनटुन सिंह, प्राण गोपाल सेन, धर्मेंद्र सिंह, मिथिलेश शर्मा, तपेश्वर ठाकुर, रमाकांत सिंह, सुरेश प्रसाद, अनिल पासवान, महेश कुमार, राजेश दूबे, विशाल सकूजा, अनामिका रावत, राजकुमारी देवी, जयलक्ष्मी, मौसमी राय, उषा शर्मा, मुकेश कुमार, मनोहर लाल चक्रम, गोपाल प्रसाद सिंह, अरुण गुप्ता, रूबी गुप्ता, मो हसीब, और मो मंजर सहित हजारों लोग मौजूद थे, जिनके आक्रोश ने प्रबंधन को सोचने पर मजबूर कर दिया।

  • गोविंदपुर डी पंचायत में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तत्काल प्रभाव से स्थगित हो।
  • स्मार्ट मीटर के बदले पुराने पोस्टपेड मीटर ही लगाए जाएं।
  • राज्य सरकार की तरह डीवीसी भी अपने सभी उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दे।
  • डीवीसी कॉलोनी हो या निजी कॉलोनी, हर गली-मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट की जगमग रोशनी हो।
  • डीवीसी कर्मियों के विवादित बिजली बिलों का तुरंत निपटारा किया जाए।
  • कॉलोनी और निजी कॉलोनियों में 24 घंटे बिना कटौती बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो।
  • डीवीसी कर्मियों, ठेका मजदूरों और सीआईएसएफ जवानों के साथ आम उपभोक्ता जैसा सौतेला व्यवहार बंद हो।
  • बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक बिजली काटने का खेल बंद किया जाए।
  • Varnan Live Report.

One response to “Smart Meter पर ‘महा-बवाल’! DVC को सरेआम अल्टीमेटम- “तुगलकी फरमान वापस लो, वरना होगा चक्का जाम; बंद कर देंगे हुक्का-पानी!””

  1. आप का ये निर्भीक एवं बेवाक पत्रकारिकता इस आंदोलन को और आगे ले जाने मदद करेगा धन्यवाद

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