बोकारो: जब एक ठेका श्रमिक की ज़िंदगी का सफर अचानक थम गया, तो उसके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन, बोकारो स्टील प्लांट (BSL) ने सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक संरक्षक की भूमिका निभाते हुए, उस परिवार को मुश्किल घड़ी में सहारा दिया है! एक असाधारण और मानवीय पहल के तहत, BSL ने ठेका श्रमिक स्वर्गीय अशोक पंडित के परिवार को 10 लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान कर, मानवता की एक अनूठी मिसाल पेश की है।

सोमवार, 18 अगस्त को एक हृदयस्पर्शी समारोह में, BSL के निदेशक प्रभारी श्री बीरेंद्र कुमार तिवारी ने खुद स्वर्गीय अशोक पंडित की पत्नी, श्रीमती परमिला देवी को 10 लाख रुपये का चेक सौंपा। यह सिर्फ एक चेक नहीं था, बल्कि यह उस परिवार के लिए एक नया जीवन था, जो कुछ दिनों पहले अपने मुखिया को खोकर पूरी तरह से बेसहारा हो गया था। इस भावुक क्षण के गवाह BSL के अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन) सुश्री राजश्री बनर्जी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बने।

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एक दर्दनाक हादसा, जिसने परिवार को तोड़ दिया
स्वर्गीय अशोक पंडित, जो ठेकेदार के तहत कार्यरत थे, का 24 अप्रैल 2025 को बिहार के बेगूसराय में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। उनके अचानक चले जाने से परिवार की सारी उम्मीदें टूट गईं। ऐसे में, BSL की दूरदर्शिता और संवेदनशीलता सामने आई।

यह सब संभव हो पाया है BSL द्वारा नवंबर 2024 में शुरू की गई समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (GPAIS) के कारण। यह योजना केवल कागज़ी वादा नहीं, बल्कि बोकारो स्टील प्रबंधन की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। बोकारो वेलफेयर ट्रस्ट, जो कि BSL के पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा संचालित है, के माध्यम से यह योजना हर एक ठेका श्रमिक को दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करती है। बजाज एलियांज बीमा कंपनी द्वारा श्रीमती परमिला देवी को मिला यह भुगतान इस योजना के तहत पहला सफल दावा था।

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BSL ने पेश की अनुकरणीय मिसाल
जहां कई कंपनियां अपने ठेका श्रमिकों को केवल एक संख्या मानती हैं, वहीं BSL ने उन्हें अपने परिवार का हिस्सा माना है। यह पहल दिखाती है कि बोकारो स्टील प्लांट सिर्फ स्टील का उत्पादन नहीं करता, बल्कि संवेदना और सामाजिक सुरक्षा की नींव भी रखता है। निदेशक प्रभारी श्री बीरेंद्र कुमार तिवारी और उनकी टीम के प्रयासों से शुरू की गई यह योजना ठेका श्रमिकों और उनके परिवारों को ऐसी दुखद परिस्थितियों में आर्थिक सुरक्षा और मानसिक संबल प्रदान करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है।

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बहरहाल, यह एक शानदार और अनुकरणीय प्रयास है जो हर बड़े उद्योग को अपनाना चाहिए। BSL ने साबित कर दिया है कि सफलता सिर्फ मुनाफे में नहीं, बल्कि उन लोगों के कल्याण में भी है जो उसके विकास की रीढ़ हैं। बोकारो स्टील का यह कदम एक उम्मीद जगाता है कि कॉर्पोरेट जगत और श्रमिकों के बीच का रिश्ता सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि मानवीय भी हो सकता है।

  • Varnan Live Report.

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