बोकारो थर्मल में 35 दिनों से चल रहा आंदोलन अब प्लांट के अस्तित्व के लिए खतरा

कुमार संजय
बोकारो थर्मल:
डीवीसी बोकारो थर्मल में पिछले 35 दिनों से चल रहा आंदोलन अब पावर प्लांट के अस्तित्व पर ही संकट खड़ा कर रहा है। विस्थापितों और बेरमो हाईवा कोयलांचल ऑनर एसोसिएशन का यह आंदोलन मंगलवार को भी पूरी तरह जारी रहा, जिसकी वजह से ऐश पौंड से छाई की ट्रांसपोर्टिंग ठप पड़ी है।

स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि फिलहाल प्लांट से निकलने वाली छाई (स्लरी) को सिर्फ एक नंबर ऐश पौंड में डाला जा रहा है, जो अब लगभग भर चुका है। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जैसे ही यह पौंड पूरी तरह भरेगा, छाई को दो नंबर पौंड में शिफ्ट किया जाएगा। लेकिन सबसे बड़ा खतरा यह है कि दूसरा पौंड भी अगले 20 से 25 दिनों में भर जाएगा, जिसके बाद पावर प्लांट को बंद करना पड़ सकता है।

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आंदोलनकारी पिछले 35 दिनों से टेंट लगाकर पौंड के प्रवेश द्वार के सामने डटे हुए हैं और साफ कह चुके हैं कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे पीछे नहीं हटेंगे। उधर, डीवीसी प्रबंधन भी उनकी मांगों को मानना मुश्किल बता रहा है।

इस ‘महा संकट’ को देखते हुए डीवीसी बोकारो थर्मल के प्रोजेक्ट हेड (एचओपी) सुशील कुमार अरजरिया ने साफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “अगर यह आंदोलन जल्द नहीं थमा, तो हमारे पास प्लांट बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। एक नंबर पौंड भर चुका है, और दूसरा पौंड भी 25 दिनों में भर जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि आंदोलनकारियों ने ड्राई ऐश बल्कर की सप्लाई भी रोक दी है, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं।

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यह गतिरोध न सिर्फ बिजली उत्पादन के लिए खतरा है, बल्कि हजारों लोगों की आजीविका पर भी संकट पैदा कर रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो बोकारो थर्मल में एक बड़ा बिजली संकट खड़ा हो सकता है, जिसका असर पूरे राज्य में महसूस होगा।

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