बोकारो थर्मल: सालों की अनदेखी के बाद, आखिरकार डीवीसी कोनार के विस्थापित गांवों की सुध लेने खुद डीजीएम यांत्रिक सह एचओपी (हेड ऑफ प्रोजेक्ट) राणा रणजीत सिंह पहुंचे। गुरुवार को विष्णुगढ़ प्रखंड के जरिया महतोइया, बारहमोरिया और नवाटांड गांव के दौरे ने ग्रामीणों में उम्मीद की एक नई किरण जगा दी है।
एचओपी को अपने बीच पाकर ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं खुलकर बताईं। जरिया महतोइया और बारहमोरिया के मुखिया दुलारचंद पटेल ने डीवीसी द्वारा बनाए गए क्षतिग्रस्त पुल को दिखाते हुए उसके पुनर्निर्माण की मांग की। साथ ही, उन्होंने खेती के लिए सोलर लाइट और पंपिंग सेट की भी व्यवस्था का अनुरोध किया। वहीं, नावाटांड के सुरेश राम ने सामुदायिक भवन की चारदीवारी बनाने और बड़े तालाब से नहर द्वारा सिंचाई की व्यवस्था करने की गुहार लगाई।
राणा रणजीत सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी वास्तविक स्थिति का जायजा लिया गया है और अब सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत उनकी जरूरतों के हिसाब से योजनाएं बनाई जाएंगी और बारी-बारी से काम कराया जाएगा। इस दौरान सीएसआर प्रभारी सुनील कुमार और कर्मी दामोदर महतो भी मौजूद थे। अब देखना यह होगा कि यह दौरा सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह जाता है या वास्तव में इन विस्थापितों की जिंदगी में कोई बदलाव आता है।
- Report by : Kumar Sanjay.





Leave a Reply