प्रीपेड बिलिंग का नया झंझट, बकाया बिलों की किस्तों से बढ़ी टेंशन
कुमार संजय
बोकारो थर्मल: दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) मुख्यालय द्वारा हाल ही में स्मार्ट मीटर को लेकर लागू की गई नई नीति ने उपभोक्ताओं के बीच भारी रोष पैदा कर दिया है। 26 अगस्त को जारी इस नई नीति को, जिसे ‘सावधानीपूर्वक विचार’ के बाद लिया गया फैसला बताया जा रहा है, उपभोक्ता “नई बोतल में पुरानी शराब” करार दे रहे हैं। उनका मानना है कि इस नीति में कुछ भी नया नहीं है और यह सिर्फ उनकी परेशानियों को बढ़ाने वाला है।
खबरों से Quick Update बनें रहने के लिए Mithila Varnan के Whatsapp Channel से जुड़े-
https://whatsapp.com/channel/0029VbAYGcqGZNClorjVZh2R

डीवीसी के अपर सचिव राकेश रंजन द्वारा जारी पत्र के अनुसार, 1 सितंबर 2025 से संविदा श्रमिकों, बैंक कर्मचारियों, डाकघर कर्मचारियों, स्कूल कर्मचारियों, पेंशनरों और अन्य सरकारी कर्मियों के लिए जीरो बैलेंस के साथ प्रीपेड बिलिंग की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं के पुराने बकाया बिजली बिलों को छह मासिक किस्तों में वसूलने का भी प्रावधान किया गया है।
खबरों से अपडेट बनें रहने के लिए Mithila Varnan के #Facebook पेज facebook.com/mithilavarnan से जुड़े-
हालांकि, सबसे बड़ा विवाद प्रीपेड बिलिंग को लेकर है। डीवीसी ने यह भी कहा है कि 200 रुपये के माइनस बैलेंस पर भी बिजली नहीं काटी जाएगी, ताकि उपभोक्ताओं को रिचार्ज करने का पर्याप्त समय मिल सके। सभी एचओपी (Head of Projects) को बकाया किस्तों की वसूली पर मासिक एमआईएस (Management Information System) रिपोर्ट पेश करनी होगी।
खबरों से अपडेट बनें रहने के लिए Mithila Varnan को #X (Twitter) पर भी Follow करें- twitter.com/mithilavarnan
लेकिन, उपभोक्ताओं का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। सप्लाई मजदूर, पेंशनर और अन्य वर्ग के कर्मियों ने इस नीति पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि डीवीसी की स्मार्ट मीटर नीति पहले से ही दोषपूर्ण रही है और यह नया फैसला भी उनके लिए कोई राहत लेकर नहीं आया है। वे मानते हैं कि यह प्रीपेड बिलिंग की आड़ में बकाया वसूली का एक नया तरीका है, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर और बोझ डालेगा। उपभोक्ताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस नीति का पुरजोर विरोध जारी रखेंगे।
- Varnan Live Report.





Leave a Reply