National Space Day पर BIT मेसरा में आयोजित राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में जीता प्रथम पुरस्कार, ISRO के वैज्ञानिक ने भी सराहा
बोकारो: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद पूरे देश में अंतरिक्ष को लेकर एक नया जुनून पैदा हुआ है और इसी जुनून को हवा दी है बोकारो के युवा वैज्ञानिकों ने! DPS (दिल्ली पब्लिक स्कूल) बोकारो के छात्रों ने राज्यस्तरीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रतियोगिता में अपनी ऐसी धाक जमाई कि हर कोई उनकी प्रतिभा का कायल हो गया। उन्होंने सिर्फ पहला पुरस्कार ही नहीं जीता, बल्कि अंतरिक्ष के कचरे को साफ करने का एक ऐसा धमाकेदार और अभिनव प्रोजेक्ट पेश किया, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। BIT (बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) मेसरा में हुई इस बड़ी प्रतियोगिता में झारखंड के 160 से ज्यादा धुरंधर छात्रों ने हिस्सा लिया था, लेकिन डीपीएस बोकारो की टीम ने अपनी काबिलियत से सबको पीछे छोड़ दिया।
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12वीं की अंजलि शर्मा और 10वीं के विस्मय विहांग के नेतृत्व में सीनियर टीम ने एक सॉलिड मोटर इंजन से चलने वाला रॉकेट मॉडल बनाया। इस रॉकेट में उन्होंने वायुगतिकी, प्रणोदन और प्रक्षेपवक्र विश्लेषण जैसे जटिल सिद्धांतों को इतनी सरलता से दिखाया कि बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी हैरान रह गए। इसके अलावा, उन्होंने सैटेलाइट के काम करने वाले प्रोटोटाइप और छोटे-छोटे पिको सैटेलाइट्स भी बनाए, जो कम ऊंचाई वाली कक्षाओं में प्रयोगों के लिए बिल्कुल सही हैं। इस शानदार प्रदर्शन के लिए टीम को प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में ट्रॉफी, मेडल और सर्टिफिकेट मिले। टीम में कक्षा 11 के हर्षित प्रकाश तथा नौवीं कक्षा से आयुषी शर्मा व अमित दत्ता भी शामिल थे।
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सबसे ज़्यादा चर्चा में रही जूनियर टीम, जिसने अंतरिक्ष के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने एक ऐसा ‘क्यूबसैट’ मॉडल पेश किया, जो अंतरिक्ष के कचरे को साफ तो नहीं करता, लेकिन उसे ढूंढकर उसकी जानकारी इकट्ठा करता है और उस पर नज़र रखता है। यह छोटा और सस्ता सैटेलाइट पृथ्वी की निचली कक्षा में काम करता है और अपने कैमरे व सेंसर की मदद से कचरे का पता लगाता है। इस प्रोजेक्ट को देखकर ऐसा लगा कि ये छात्र भविष्य में भारत को अंतरिक्ष कचरा प्रबंधन में एक नई पहचान दिला सकते हैं। तीसरे स्थान पर रही इस जूनियर टीम में आठवीं कक्षा के श्रेष्टा चतुर्वेदी, यश राज, प्रतीक वर्मा, धव्य दर्शित और प्रत्यूष कुमार शामिल रहे, जिन्हें सर्टिफिकेट और मेडल से पुरस्कृत किया गया।
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DPS Bokaro की दोनों टीमों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से साबित कर दिया कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी उपलब्धियां शिक्षकों के मार्गदर्शन और छात्रों की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं। ये छात्र देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर विद्यालय के वरीय उप प्राचार्य अंजनी भूषण एवं गाइड टीचर डॉ. ओबैदुल्लाह अंसारी भी मौजूद रहे।
राज्यस्तरीय प्रतियोगिता से लौटकर आए युवा वैज्ञानिकों का कहना है कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर चंद्रयान-3 की सफलता की याद में इस प्रतियोगिता में भाग लेना उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था। उक्त प्रतियोगिता में ISRO (Indian Space Research Organisation) के वरिष्ठ वैज्ञानिक टी. शिवामुरुगन भी वर्चुअली मौजूद रहे, जिन्होंने छात्रों के प्रयासों की जमकर सराहना की।
- Report by : D. K. Vats





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