अब एआई ढूंढ निकालेगा भवनों की दरारें, हादसे से पूर्व अलर्ट के जरिए समय पर हो सकेगी मरम्मत

सर्वज्ञ और आदित्य का आविष्कार ‘इंफ्रादेव’ World Robot Olympiad के नेशनल में पहुंचा, फरीदाबाद में धमाल मचाने के बाद अब हैदराबाद में बिखेरेंगे अपनी प्रतिभा

  • डी. के. वत्स की रिपोर्ट

बोकारो: क्या आप जानते हैं कि आपके घर की दीवारों में छिपा एक छोटा सा क्रैक भी कभी भी आपके लिए मौत का फरमान बन सकता है? हर दिन कंक्रीट के जंगल खड़े हो रहे हैं, लेकिन क्या हम वाकई जानते हैं कि इन भव्य इमारतों के भीतर कितनी लापरवाही छिपी है? पुलों का अचानक ढहना, इमारतों का ताश के पत्तों की तरह बिखर जाना… ये सब सिर्फ खबरें नहीं, बल्कि लापरवाहियों की मौत की कहानियां हैं।

लेकिन अब, इन हादसों को हमेशा के लिए रोकने का एक अचूक तरीका मिल गया है! DPS (दिल्ली पब्लिक स्कूल) बोकारो के दो युवा जीनियस, सर्वज्ञ सिंह और आदित्य कुमार भक्ता, ने एक ऐसा अविश्वसनीय आविष्कार कर दिखाया है कि दुनिया दंग रह गई है। इन छात्रों ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो अदृश्य दरारों को भी ढूंढ निकालेगी और एक भयानक हादसे से पहले ही उसका अलर्ट भेज देगी!

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‘इंफ्रादेव’ – AI का ब्रह्मास्त्र, जो मौत को भी मात देगा!

12वीं कक्षा में पढ़ने वाले सर्वज्ञ और आदित्य ने अपने इस क्रांतिकारी प्रोजेक्ट को नाम दिया है, ‘इंफ्रादेव’। यह सिर्फ एक रोबोट नहीं, बल्कि एक भविष्य की टेक्नोलॉजी है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आधुनिक सेंसरों से लैस है। यह कोई साधारण डिवाइस नहीं, बल्कि एक ऐसा जासूस है जो दीवारों के अंदर छिपी हुई कमजोरियों को भी भाँप लेता है।

आए दिन अखबारों में पुलों और इमारतों के गिरने की खबरें पढ़कर इन छात्रों के दिमाग में यह आइडिया आया। उन्होंने सोचा, “क्यों न हम कुछ ऐसा बनाएं जो दुर्घटना होने से पहले ही उसकी चेतावनी दे दे?” और फिर, दो महीने की अथक मेहनत और 10,000 रुपये के खर्च के बाद उन्होंने विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार के मार्गदर्शन में अपने गाइड टीचर डॉ. ओबैदुल्लाह अंसारी और संदीप कुमार की सहायता से ‘इंफ्रादेव’ का प्रोटोटाइप तैयार कर दिया।

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फरीदाबाद में मचाया तहलका, अब हैदराबाद में होगा महा-संग्राम!

इन दो युवा वैज्ञानिकों के इस अद्भुत आविष्कार ने वर्ल्ड रोबोट ओलंपियाड (WRO) इंडिया 2025 में धूम मचा दी है। फरीदाबाद के रीजनल राउंड में पूरे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और बिहार से केवल छह प्रोजेक्ट्स चुने गए, और यकीन मानिए… झारखंड से एकमात्र डीपीएस बोकारो के इन दोनों छात्रों का चयन हुआ!

अब ये दोनों अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए 5-6 सितंबर को हैदराबाद के जीएमआर एरिना में आयोजित होने वाले नेशनल लेवल ओलंपियाड में हिस्सा लेंगे।

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जानिए… कैसे काम करता है यह ‘इंफ्रादेव’ का जादू?

यह डिवाइस एआई कैमरा युक्त रोवर, लिडार (LiDAR) और ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करता है।

रोवर की जासूसी: एक छोटा सा रोवर इमारत के चारों ओर घूमता है। इस पर लगा लिडार सेंसर लेज़र लाइट छोड़ता है।

अल्ट्रासोनिक प्रकाश का रहस्य: जब प्रकाश किसी ठोस दीवार से टकराकर वापस आता है, तो सब ठीक है। लेकिन, अगर यह प्रकाश कहीं से आर-पार हो जाता है, तो ‘इंफ्रादेव’ तुरंत उस जगह को दरार के रूप में पहचान लेता है!

एआई का दिमाग: इस दौरान, रोवर में लगा AI कैमरा उस दरार की तस्वीर लेता है और उसे डेटाबेस में दर्ज कर लेता है।

ऊँची इमारतों के लिए ड्रोन: अगर इमारत बहुत ऊँची है, तो यही सिस्टम एक ड्रोन पर फिट कर दिया जाता है, जो आसमान से ही पूरी इमारत को स्कैन कर लेता है।

यह टेक्नोलॉजी केवल दरारों का पता नहीं लगाती, बल्कि उनकी सटीक 3D मैपिंग भी करती है। यानी, अब किसी भी निर्माण की खामी को छुपाना नामुमकिन होगा!

बोले प्राचार्य- यह प्रोजेक्ट नई क्रांति की शुरुआत, छात्रों की वैज्ञानिक प्रतिभा को निखार रहा विद्यालय

डीपीएस बोकारो के प्राचार्य, डॉ. ए. एस. गंगवार ने इन छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डीपीएस अपने छात्रों को वैज्ञानिक प्रतिभा दिखाने के लिए हर संभव मंच देता है। ‘इंफ्रादेव’ सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है; यह एक नई क्रांति की शुरुआत है। यह बताता है कि हमारे देश के युवा वैज्ञानिक केवल कल्पना नहीं करते, बल्कि उसे हकीकत में भी बदलते हैं। सर्वज्ञ और आदित्य ने न सिर्फ अपने स्कूल और राज्य का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे देश को एक ऐसी उम्मीद दी है जो जान-माल के नुकसान को रोकने में मील का पत्थर साबित होगी।

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