बोकारो: क्या एक सरकारी दफ्तर में किसी बुजुर्ग की सालों पुरानी पीड़ा का अंत हो सकता है? क्या एक अधिकारी की संवेदनशीलता किसी की जिंदगी में नई रोशनी ला सकती है? शुक्रवार को बोकारो समाहरणालय में आयोजित उपायुक्त के जनता दरबार में एक ऐसा ही दिल छू लेने वाला वाकया हुआ, जिसने साबित कर दिया कि व्यवस्था जब ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं।

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जनता दरबार में दूर-दराज से आए सैकड़ों लोगों के बीच, चंदनकियारी प्रखंड के तेतुलिया गांव से आए एक बुजुर्ग, सोनाराम मांझी की कहानी ने सबका ध्यान खींचा। कई सालों से वह अपनी पेंशन की स्वीकृति का इंतज़ार कर रहे थे। हर दफ्तर का चक्कर लगाया, हर दरवाजे पर दस्तक दी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। आज जब उनका मामला उपायुक्त अजय नाथ झा के सामने उठा, तो एक पल में सब कुछ बदल गया। उपायुक्त ने तत्काल संबंधित शाखा को निर्देश दिया, और किसी चमत्कार की तरह, मौके पर ही सोनाराम मांझी की पेंशन स्वीकृत हो गई। पेंशन स्वीकृति का कागज हाथ में आते ही सोनाराम मांझी के चेहरे पर जो खुशी और राहत दिखी, वह वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम कर गई। यह सिर्फ एक पेंशन की स्वीकृति नहीं थी, बल्कि सालों के संघर्ष के बाद मिला न्याय था।

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अधिकारियों को मिला 24 घंटे का अल्टीमेटम

उपायुक्त श्री झा ने सिर्फ सोनाराम मांझी को ही राहत नहीं दी, बल्कि भविष्य में ऐसी परेशानियां न हो इसके लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जन शिकायत कोषांग से जारी पत्र का जवाब संबंधित विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, बीडीओ और सीओ को 24 घंटे के भीतर लिखित रूप में देना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि “अनावश्यक विलंब अथवा टालमटोल की प्रवृत्ति को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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वंचितों के मामलों में बरतें संवेदनशीलता

जनता दरबार के दौरान जब बीसीसीएल से संबंधित अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों की शिकायतें सामने आईं, तो उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों और वंचित समुदायों से संबंधित शिकायतों के निपटारे में गंभीरता और संवेदनशीलता बरती जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को प्राथमिकता सूची में रखा जाना चाहिए।

इस जनता दरबार में भूमि अतिक्रमण, विद्युत प्रमंडल, वन प्रमंडल, राजस्व संबंधी विवाद, शिक्षा विभाग, आवास योजनाएं और सामाजिक सुरक्षा जैसे कई अन्य मुद्दों से जुड़े आवेदन भी प्राप्त हुए। मौके पर उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, डीपीएलआर मेनका, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा पीयुष सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

आज का जनता दरबार सिर्फ शिकायतों के निपटारे का मंच नहीं था, बल्कि यह विश्वास की बहाली का एक प्रतीक बन गया, जहाँ एक बुजुर्ग की मुस्कान ने यह साबित कर दिया कि सरकार और प्रशासन अगर चाहे तो आम आदमी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।

  • Varnan Live Report.

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