विशेष संवाददाता
गुवाहाटी
। असम की शक्तिपीठ कामाख्या की पावन धरा गुवाहाटी स्थित भगवान महावीर धर्मस्थल, श्री दिगम्बर जैन पंचायत में अंतरराष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार (निखिल मंत्र विज्ञान, जोधपुर) के तत्वावधान में दो-दिवसीय मां कामाख्या साधना शिविर शनिवार को अपार उत्साह और उल्लास के बीच शुरू हुआ। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी महाराज (डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली) एवं वंदनीया माता भगवती के दिव्यतम सानिध्य में आयोजित इस शिविर में देश-विदेश से हजारों साधक-साधिकाओं को गुरुदेव श्री नंदकिशोर श्रीमालीजी ने संबोधित किया।

हजारों शिष्यों के लिए ज्ञान और भक्ति का केंद्र बने इस शिविर में पूज्य सद्गुरुदेव ने अपने ओजपूर्ण प्रवचन में शक्ति, सृजन और सनातन धर्म की सुदृढ़ता पर युग-संदेश दिया। सद्गुरुदेव ने अपने ओजस्वी संबोधन में शिष्यों को जीवन के मूल कर्तव्य से परिचित कराया और उन्हें ‘सह-स्रष्टा’ बनने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि- शक्ति का सम्मान करो, स्त्री का सम्मान करो, अपनी कामना को साधना में रूपांतरित करो और इस सृष्टि में मेरी तरह सह-स्रष्टा बनो।

खबरों से Quick Update बनें रहने के लिए Mithila Varnan के Whatsapp Channel से जुड़े-
https://whatsapp.com/channel/0029VbAYGcqGZNClorjVZh2R

शक्तियों को श्रेष्ठ कर बनाएं श्रेष्ठ आर्यावर्त

गुरुदेव ने जोर देते हुए कहा – साधकों के जिम्मे है कि वे वृद्धि करें और इस संसार को और अधिक आनंदमय, सुखमय, ज्ञानमय तथा चेतामय बनाएं। उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम हमारी कामनाओं में वृद्धि कर हमारे सनातन धर्म को सुदृढ़ बनाएं और अपनी शक्तियों को और अधिक श्रेष्ठ कर एक श्रेष्ठ आर्यावर्त का निर्माण करें ।

खबरों से अपडेट बनें रहने के लिए Mithila Varnan के #Facebook पेज facebook.com/mithilavarnan से जुड़े

घर में रहते हुए गृहस्थ भी बन सकता है तांत्रिक

सदगुरुदेव ने इस स्थान की महत्ता को रेखांकित करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा को दोहराया। उन्होंने बताया कि यह वही पवित्र भूमि है, जहां से लगभग 40-50 वर्ष पूर्व उन्होंने यह उद्घोषणा की थी कि जो तंत्र साधना पहले केवल बड़े तांत्रिकों तक सीमित थी, अब गृहस्थ व्यक्ति भी अपने घर में रहते हुए तंत्र के मार्ग पर चल सकता है और तांत्रिक बन सकता है। गुरुदेव ने शिष्यों को आशीर्वाद देते हुए जीवन में आनंद और परमानंद की प्राप्ति के लिए शक्ति से पहले शिव और भैरव की साधना को भी आवश्यक बताया।

पूजन व आवाह्न से हुआ शिविर का शुभारंभ

इसके पूर्व शिविर का शुभारंभ गणेश वंदना, गुरु-पूजन एवं निखिल आवाह्न से हुआ। शिविर का माहौल अत्यंत आनंदयुक्त व भक्तिमय बना रहा। सदगुरुदेव श्री श्रीमाली के आगमन के समय सभी शिष्यों ने खड़े होकर पूरे समर्पण भाव से उनकी भावपूर्ण आगवानी की। देश के कोने-कोने से आए शिष्यों ने अपने पूज्य गुरुदेव का माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया।

खबरों से अपडेट बनें रहने के लिए Mithila Varnan को #X (Twitter) पर भी Follow करें- twitter.com/mithilavarnan

शिविर के क्रम में निखिल परिवार के प्रख्यात कलाकार महेन्द्र मानकर और उनकी भजन मंडली के कलाकारों ने एक से बढ़कर भजन प्रस्तुत कर माहौल को और आनंदित कर दिया। इस दौरान सद्गुरुदेव एवं मां कामाख्या की जय-जयकार तथा हर-हर महादेव के गगनभेदी जयघोष से आसपास का पूरा वातावरण गुंजरित होता रहा। मंच संचालन मनोज भारद्वाज ने किया। शिविर में प्रथम दिवस के संध्याकालीन सत्र का समापन अंबे आरती, गुरु आरती व समर्पण स्तुति से हुआ। दूसरे दिन रविवार को गुरुदेव तंत्र की महत्ता पर प्रकाश डालेंगे तथा साधनात्मक क्रियाएं संपन्न होंगी।

  • Varnan Live Report.

Leave a Reply

Trending