बोकारो की दूसरी महिला एसपी और फर्स्ट लेडी आईजी से लेकर राज्य की पहली महिला डीजीपी तक का तय किया सफर

संजय कुमार मिश्रा
बोकारो थर्मल
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने एक ऐतिहासिक और अत्यंत प्रभावशाली फैसला लेते हुए 1994 बैच की जांबाज आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को राज्य का नया प्रभारी पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। इस शानदार नियुक्ति के साथ ही, तदाशा मिश्रा झारखंड पुलिस बल की कमान संभालने वाली राज्य की पहली महिला डीजीपी बनकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज करा चुकी हैं।

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अटकलों पर लगा विराम, रेस में अचानक मिली जीत

पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के स्वैच्छिक त्यागपत्र के बाद, आईपीएस प्रशांत सिंह और मानविंदर सिंह भाटिया जैसे कई कद्दावर नामों की रेस चल रही थी। लेकिन, तमाम अटकलों और कयासों पर विराम लगाते हुए, एडीजीपी (विशेष शाखा) में सचिव के पद पर कार्यरत तदाशा मिश्रा का नाम अचानक आगे आया और देर रात नोटिफिकेशन जारी हो गया। यह नियुक्ति उनके असाधारण सेवा रिकॉर्ड और सख्त प्रशासक की छवि का प्रमाण है।

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निर्भीकता और असाधारण नेतृत्व से मिली खास पहचान

डीजीपी के पद पर पहुंचने से पहले भी तदाशा मिश्रा ने अपनी निर्भीकता और असाधारण नेतृत्व की अमिट छाप छोड़ी है। उनके नाम बोकारो की पहली महिला एसपी और पहली महिला ज़ोनल आईजी होने का गौरवपूर्ण रिकॉर्ड दर्ज है। वर्ष 2002 में तत्कालीन बाबूलाल मरांडी की सरकार ने उन्हें एसपी सीआईडी के पद से बोकारो स्थानांतरित किया था। उस समय बोकारो का ऊपरघाट, बहुचर्चित झुमरा पहाड़, रहावन, लुगू पहाड़, नावाडीह और कसमार जैसे क्षेत्र नक्सलियों की चरम गतिविधियों का केंद्र थे। एक महिला अधिकारी होते हुए भी, उन्होंने अपनी अदम्य साहस का परिचय दिया।

उन्होंने नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले झुमरा एवं लुगू पहाड़ पर न सिर्फ़ कई दफा पूरे सप्ताह कैंप किया, बल्कि लगातार पुलिसिया कार्रवाई और ऑपरेशन जारी रखा। उनकी अगुवाई में पहली बार झुमरा पहाड़ से हथियार सहित भारी मात्रा में सामानों की बरामदगी की गई थी। नावाडीह प्रखंड अंतर्गत ऊपरघाट के इलाके में भी उनके लगातार अभियानों से हथियार बरामद हुए, और कई नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई। बोकारो एसपी के तौर पर उनके प्रयासों से 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जो शांति की दिशा में एक बहुत बड़ी और उल्लेखनीय उपलब्धि थी।

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दो बार बोकारो में रचा इतिहास

बोकारो में उनका दूसरा कार्यकाल पदोन्नति के बाद ज़ोनल आईजी के रूप में हुआ। वह 7 नवंबर 2014 से 23 फरवरी 2016 तक इस पद पर रहीं, जिससे उन्होंने बोकारो जिला पुलिस की दूसरी महिला एसपी के बाद पहली महिला जोनल आईजी बनने का भी अद्वितीय कीर्तिमान भी स्थापित किया। तदाशा मिश्रा को उनकी सख्त और निर्णायक कार्यशैली के कारण आज भी ‘लेडी सिंघम’ के रूप में जाना जाता है।

नारी शक्ति का प्रतीक और मील का पत्थर

यह आकर्षक और धमाकेदार नियुक्ति झारखंड पुलिस बल के इतिहास में एक मील का पत्थर है। उनके अनुभव और सख्त प्रशासक की छवि को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि वह राज्य में विधि-व्यवस्था और नक्सल विरोधी अभियानों को एक नई धार देंगी। तदाशा मिश्रा का शीर्ष पद पर पहुँचना राज्य की महिलाओं और युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा का स्रोत है।

  • Varnan Live Report.

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