Watch Video – DPS Bokaro के छात्र सर्वज्ञ ने ‘क्वांटम साइंस’ में अपनी मेधा से पाई अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि

  • दीपक झा

बोकारो : दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS Bokaro), बोकारो के होनहार छात्र सर्वज्ञ सिंह ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा की बदौलत पूरे देश का नाम विश्वपटल पर स्वर्णाक्षरों में अंकित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNESCO (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) की ओर से आयोजित प्रकाश संबंधी वैश्विक प्रतियोगिता में सर्वज्ञ ने सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक रचनात्मकता पुरस्कार (बेस्ट साइंटिफिक क्रिएटिविटी अवार्ड) जीतकर न केवल अपने स्कूल, शहर और राज्य, बल्कि पूरे भारतवर्ष का नाम रोशन किया है।

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यूनेस्को के इंटरनेशनल ईयर ऑफ क्वांटम साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईवाईक्यू 2025) के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वैश्विक प्रतियोगिता ‘Quantum Light: A Visual Odyssey’ में सर्वज्ञ की दृश्य कृति “Whispers of light : Tracing Photons Through Living Matter” को दुनियाभर में सर्वश्रेष्ठ चुना गया है। अपनी इस कृति के माध्यम से 12वीं के छात्र सर्वज्ञ ने प्रकाश की क्वांटम प्रकृति और एक क्वांटम संदेशवाहक के रूप में इसकी भूमिका को इतने प्रभावी ढंग से दर्शाया कि उसे सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक रचनात्मकता श्रेणी में विजेता घोषित किया गया। यूनेस्को सचिवालय से प्राप्त आधिकारिक सूचना के अनुसार, सर्वज्ञ की इस असाधारण उपलब्धि को एक विशेष लेख के माध्यम से यूनेस्को की वैश्विक वेबसाइट पर प्रकाशित कर दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।

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कड़े वैश्विक मापदंडों के बीच हासिल की उपलब्धि
यूनेस्को की उक्त प्रतियोगिता का आयोजन दुनियाभर के छात्र-छात्राओं, कलाकारों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को विजुअल एक्सप्रेशन (दृश्य अभिव्यक्ति) के माध्यम से प्रकाश और क्वांटम विज्ञान के गूढ़ रहस्यों को समझाने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस वैश्विक प्रतिस्पर्धा में दुनिया भर से अनगिनत प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं, जिनकी समीक्षा विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा की गई। कड़े मूल्यांकन के बाद केवल 27 सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिन्हें बाद में पब्लिक वोटिंग के लिए वैश्विक मंच पर रखा गया। नवंबर के प्रथम सप्ताह तक वोटिंग हुई और 23 दिसंबर को परिणाम घोषित किया गया। यूनेस्को ने चार प्रमुख श्रेणियों – मोस्ट पॉपुलर, बेस्ट साइंटिफिक क्रिएटिविटी, बेस्ट साइंस कम्युनिकेशन और बेस्ट आर्टिस्टिक एक्सप्रेशन में पुरस्कारों की घोषणा की।

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प्राचार्य ने किया सम्मानित, कहा- अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि से बढ़ी देश की वैज्ञानिक गरिमा
सर्वज्ञ की इस ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि पर बुधवार को विद्यालय में आयोजित विशेष एसेंबली के दौरान उसे प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने हजारों विद्यार्थियों के सामने सम्मानित करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वज्ञ की इस कामयाबी ने विद्यालय को गौरवान्वित करने के साथ-साथ हमारे देश की वैज्ञानिक गरिमा को और सशक्त किया है। सर्वज्ञ शुरू से ही असाधारण वैज्ञानिक प्रतिभा का धनी रहा है। शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन में उसने हमेशा ही उत्कृष्ट प्रदर्शन कर स्कूल का नाम रोशन किया है। उसकी यह सफलता अन्य छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेगी। डीपीएस बोकारो अपने विद्यार्थियों की वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने और उन्हें इस प्रकार के प्रतिष्ठित वैश्विक मंच प्रदान करने की दिशा में सदैव कटिबद्ध रहा है।

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विज्ञान व तकनीक में सर्वज्ञ ने पाई है कई उपलब्धियां
सर्वज्ञ सिंह की यह सफलता उसके निरंतर परिश्रम और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रमाण है। राष्ट्रीय स्तर पर भी उसने कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं। एनआईटी जमशेदपुर इंडस्ट्री एकेडमिक कॉन्क्लेव 2024 में नेशनल रैंक 2, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में आयोजित इमर्जेंट वेंचर्स द्वारा यंग एशियन फेलो के रूप में चयन, एसीईएस आईएसआरसी प्रतियोगिता में वैश्विक स्तर पर ग्लोबल रैंक 1, आईआईटी गुवाहाटी के प्रतिष्ठित तकनीकी उत्सव में देशभर में टॉप 20 का स्थान, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज का ग्रैंड फाइनलिस्ट रहना, आईआईएसईआर भोपाल के समर आउटरीच कैंप के लिए फेलो-चयन, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित नेशनल चिल्ड्रन्स साइंस कांग्रेस में फाइनलिस्ट के रूप में भागीदारी, उसके द्वारा भवनों की दरारों तथा मवेशियों की बीमारियों का पता लगाने में विकसित एआई आधारित तकनीक आदि ने उसे एक उभरते हुए युवा वैज्ञानिक के रूप में स्थापित किया है।

साइंस-इनोवेशन में खुद का स्टार्ट-अप बनाने की है ख्वाहिश
बीएसएल महाप्रबंधक धनंजय कुमार एवं गृहिणी श्रीमती रीता कुमार सिंह के पुत्र सर्वज्ञ ने एक खास बातचीत में बताया कि आगे चलकर वह नौकरी करने की बजाय अपना खुद का स्टार्ट-अप शुरू करना चाहता है। एआई व अन्य तकनीक का मानव कल्याणार्थ इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिक नवाचार के क्षेत्र में करियर बनाने की उसकी दिली ख्वाहिश है। पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले सर्वज्ञ ने कहा कि तकनीक से जनसमस्याओं का निदान संभव है, जिसका आइडिया उसे अपने घर और आसपास से ही मिल जाता है। 10वीं में 96.6 फीसदी अंक से उत्तीर्ण रहे इस मेधावी छात्र ने कहा कि उसकी वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने में विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार तथा स्कूल के शिक्षकों सहित माता-पिता एवं पूरे परिवार का सहयोग रहा है। तीन भाई-बहन में वह सबसे छोटा है। बड़ी बहन अपराजिता पर्यावरण अभियंता, तो बड़ा भाई साकेत कंप्यूटर इंजीनियर है।

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