बोकारो में नहीं थम रहा कांग्रेस का अंतरकलह, कुनबा समेटे रखना बड़ी चुनौती
बोकारो। धनबाद लोकसभा क्षेत्र से बेरमो विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से लेकर लगातार पार्टी में अंतर्कलह थमता नजर नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी के जिला उपाध्यक्ष एवं दी सिटी सेंटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव ज्योति प्रकाश द्विवेदी ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया। पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस में सक्रिय राजनीति से जुड़े ज्योति प्रकाश की यह बगावत जिले में पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। छात्रसंघ, युवा मोर्चा, सेवा दल से वह जुड़े रहे और मौजूदा जिला कमिटी में उपाध्यक्ष पद पर थे।
एक खास बातचीत में ज्योति ने बताया कि विगत कुछ समय से पार्टी में सामंजस्य नहीं बन पा रहा था। दो दिन पूर्व बोकारो चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के तत्वावधान में लोकसभा चुनाव के संदर्भ में हुई बैठक के दौरान अनूप सिंह ने अमर्यादित और धमकी भरे के लहजे में काफी बातें कहीं, जिससे अपनी नाराज़गी जताते हुए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को सूचित कर दिया और पार्टी के जिला उपाध्यक्ष पद सहित प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफ़ा दे दिया। तदुपरांत अपने सैकड़ों साथियों के साथ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। धनबाद भाजपा प्रत्याशी सह विधायक ढुल्लू महतो एवं बोकारो विधायक बिरंची नारायण के द्वारा अंगवस्त्र पहनाकर भाजपा में उनका स्वागत किया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नीति व सिद्धांत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी कार्यों से वह काफी प्रभावित हुए हैं। उनके साथ भाजपा का दामन थामने वालों में अनीत सिंह दांगी, निकेश उपाध्याय, बिनोद पांडेय, मोनू कुमार, प्रशांत द्विवेदी, अनीश कुमार, शंकर मरांडी, मदन हांसदा, आनंदलाल महतो, सौरव रस्तोगी, बिपिन अग्रवाल, उमेश सिंह, रितेश सिंह, अमरेंद्र कुमार, आनंद सोरेन, संजय कुमार आदि शामिल थे।
गौरतलब है कि अनुपमा सिंह को दिए जाने के विरुद्ध पार्टी के बोकारो जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम दुबे एवं पूर्व महासचिव सह वर्तमान आजीवन सदस्य अनिल सिंह ने इसके पूर्व नाराजगी जताते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने टिकट की सौदेबाजी का आरोप भी जड़ा था। धनबाद में कांग्रेस के दिग्गज नेता ललन चौबे ने भी पार्टी को इसी मुद्दे को लेकर अलविदा कह दिया था। इसके अलावा, अन्य कई कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस की नीति पर असंतोष जताते हुए पार्टी से मुंह मोड़ लिया। जाहिर है, चुनाव से पहले ऐसी भगदड़ और पार्टी का कुनबा समेटकर रखना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं।
– Varnan Live Report.





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