उत्तर मे हिमालय की गोद में बसे गंगा के मैदान से लेकर दक्षिण मे छोटानागपुर पठार तक एक भोगोलिक और सांस्कृतिक परिपूर्णता है जिसे पहले बिहार और अब बिहार और झारखंड कहते हैंl इस धरती मे हज़ारों सालों का इतिहास दबा है l “वर्णन ” एक प्रयास है इस सम्बन्ध को आकार देने की | ये एक मंच है अपनी जड़ो से जुड़ने का|

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