विशेष संवाददाता
पटना : बिहार की किस्मत में शायद कष्ट ही कष्ट लिखा है। दुर्र्भाग्य देखिये कि अभी चमकी बुखार से डेढ़ सौ से दो सौ बच्चों की मौत और लू से ही पिछले महीने दर्जनों लोगों की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ था और मृतकों के परिजनों की अश्रुधार थमी ही नहीं थी कि कुदरत की बेहिसाब जलधार ने एक बार फिर ‘जल’जला ला दिया है। बिहार के मिथिलांचल सहित अन्य इलाकों में बाढ़ की विभीषिका लगातार रौद्र होती जा रही है। बिहार में कोसी, गंडक समेत पांच नदियां उफान पर हैं और छह जिले इनकी चपेट में हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार नदियों का जलस्तर बढ़ने से शिवहर, सीतामढ़ी, चम्पारण, मधुबनी, अररिया और किशनगंज में जन-जीवन पर व्यापक असर पड़ा है। यह तो सरकारी रिकार्ड की बात है। दरभंगा जिला भी बाढ़ की चपेट में आ चुका है। घर-आंगन, सड़क, मैदान, खेत सब पानी से लबालब भर गये हैं। जिनके घर छत के हैं, वे तो किसी तरह छत की शरण लेकर बचे हुए हैं, लेकिन झोपड़ी और खपरैल मकानों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ मवेशियों की हालत काफी दयनीय हो गयी है। कमला के जलस्तर में भारी वृद्धि से मधुबनी के जयनगर में स्थिति भयावह है। यहां कमला का तटबंध टूट गया। इसके कारण जयनगर के कई इलाकों में पानी भर गया है। वहीं, लालबकेया और बागमती नदी के पश्चिमी तटबंध पर कई जगहों पर पानी का अत्यधिक दबाव बना हुआ है। उधर, कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। इसके कारण वीरपुर बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं, अब तक बाढ़ की वजह से राज्य में आठ लोगों की मौत होने की खबर है।

सीतामढ़ी जिले में बथनाहा प्रखंड क्षेत्र के रनौली पंचायत के सिंगरहिया गांव में अवस्थित जमुरा नदी का तटबंध टूटने से गांव में बाढ़ का पानी घुस गया। एनएच- 77 सिंगरहिया से पूरब की ओर जमुरा नदी पर बीते वर्ष 2015 में तटबंध बनाया गया था, जिसे समय पर मरम्मत नहीं कराये जाने के कारण तटबंध टूट गया। जिससे दर्जनों घरों में पानी घुस गया। वार्ड नं.- 2 अवस्थित नटवा टोला सिंगरहिया मटियार मुख्य पथ बाढ़ से सड़क कटाव के कारण दो भागों विभक्त हो गया। वर्ष 2017 में आयी बाढ़ में उसी जगह पर टूटा था, जिसे ईंट व मिट्टी से भरकर उक्त रास्ते को चालू किया गया था और यह फिर से इस बार टूट गया। मधुबनी में भी यही विकट स्थिति है। जिले के नरुआर गांव स्थित दुर्गा मंदिर की छत पर खबर लिखे जाने तक 200 लोग फंसे थे। यहां पानी का स्तर इतना अधिक है कि पूरी की पूरी बस छत तक डूब गयी है। इसी प्रकार दरभंगा जिले के उजान मनीगाछी में भी लोग बेहाल हैं। मवेशी पानी में डूबी हालत में ही चारा खाने को विवश हैं। दरभंगा में तटबंधों के टूटने से उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर जिले में हाई अलर्ट जारी करते हुए बाढ़ सुरक्षा कोषांग का गठन किया गया है। राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई बन्द कर दी गई है। साथ ही जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने जिले में सभी अधिकारियों के सभी प्रकार की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए सभी को मुख्लाय में बने रहने का आदेश जारी किया है। यदि कोई पदाधिकारी मुख्यालय से बाहर हैं, तो उन्हें फौरन रिपोर्ट करने को कहा गया है।
टूटा 15 वर्षों का रिकार्ड
शिवहर में बागमती नदी ने पिछले 15 सालों का रिकॉड तोड़ दिया है और जिले के 130 गांवों में तबाही का मंजर छाया है। 2005 के बाद 2019 में अब तक बाढ़ से 130 गांव प्रभावित हैं। 2005 में मोहारी बांध टूटने से बाढ़ की चपेट में 125 गांव प्रभावित हुए थे जबकि 14 लोगों की मौत हो गयी थी। वर्ष 2015 में बेलवा तटबंध टूटने से नरकटिया और बेलवा गांव डूब गये थे। इस समय पीपराही प्रखंड के 6 गांव और शिवहर प्रखंड में 8 गांव प्रभावित हुए थे। इस वर्ष बागमती नदी से उत्पन्न बाढ़ ने पिपराही प्रखण्ड के बेलाव ,नरकटिया, रतनपुर, वसहियां, अम्बा, शिवहर प्रखंड के रेजमा सरसौल, जाफरपुर, फतहपुर एवं पुरनहिया के अदौरी सहित दर्जनों गांवों में तबाही मचा रखी है। बागमती नदी के कहर से लोग परेशान हैं। हजारों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गयी है, बेलाव डैम टूटने के कारण शिवहर शहर को भी तबाह कर दिया है। नगर थाना, एसडीएम, एसपी और डीएम आवास, मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में दो फीट पानी बह रहा है। कलेक्टेरियेट परिसर में दो फुट पानी बह रहा है। जिला प्रशासन ने नाव एनडीआरफ टीम को हर जगह लगाया है लेकिन अभी भी नाव की संख्या में बड़ी कमी से दर्जनों गांव के लोग गांव में ही फंसे हुए हैं। पीड़ितों को रहने और भोजन की व्यवस्था पिपराही गर्ल्स हाईस्कूल
एवं मिडिल स्कूल में प्रशासन की ओर से की गयी है। पुरनहिया में भी कैम्प लगाकर अधिकारी बाढ़ पीड़ितों की सहायता में लगे हैं लेकिन सरकारी सहायता पर्याप्त नहीं मिलने से लोग आक्रोशित है। प्रशासनिक पदाधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर लगातार नजर बनाये हुए हैं। जिला प्रशासन पूरे जिले में रेड अलर्ट जारी कर पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील माइक से कर रहा है। डीएम अरशद अजीज ने कहा कि पीड़ितों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।