AGM की पिटाई के विरुद्ध चास-बोकारो बंद, MLA की गिरफ्तारी की मांग

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बोकारो। पिछले हफ्ते बोकारो इस्पात संयंत्र के सहायक महाप्रबंधक अजीत कुमार की बोकारो विधायक बिरंची नारायण द्वारा कथित पिटाई का मामला लगातार गरमाया हुआ है। इसी मुद्दे को लेकर गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनता दल यूनाइटेड ने चास बोकारो बंद कराया। इस बंद को राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी अपना समर्थन दिया। सुबह से ही तीनों दलों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जगह-जगह सड़क पर उतरे और विधायक की कथित गुंडागर्दी के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। बन्द के दौरान समर्थकों ने टेम्पो, ट्रैकर की टायरों से हवा निकाल दी। जहां-तहां मार्ग भी अवरुद्ध कर दिए। इससे आमलोगों को भारी दिक्कतें भी हुईं। जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक चौधरी के अनुसार यह बंद पूरी तरह सफल रहा। जनता ने बंद को सफल बनाने में काफी सहयोग किया। बहुत सी जगहों पर स्वतः स्फूर्त बंद की स्थिति देखने को मिली।

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 श्री चौधरी ने कहा कि विधायक गुंडागर्दी करने पर आमादा है। पूर्व से ही उन्होंने बोकारो की सांप्रदायिक भावना और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया है। बारंबार ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बोकारो की जनता बुद्धिजीवी है और ऐसे लोगों को नकारने का काम करती है। सहायक महाप्रबंधक को पीटकर उन्होंने कानून हाथ में लिया है। इसके पहले टाटा और अब दूसरी बार बोकारो में इस तरह की मोब लिंचिंग की घटना सामने आई है। संवेदक के कहने पर अधिकारी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटना घोर निंदनीय है। इसी मुद्दे को लेकर चास बोकारो बंद का आह्वान किया गया है। उन्होंने बंद में सहयोग प्रदान करने के लिए झामुमो और राजद के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया।

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 इस अवसर पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में जिला के अध्यक्ष नारायण यादव ने भी विधायक पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब तक विधायक की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक यह आंदोलन और विरोध जारी रहेगा। आवश्यकता पड़ी तो विधानसभा में भी घेराव करने का काम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बोकारो के कैंप टू और सेक्टर वन स्थित तालाब को सूर्य सरोवर और तिरंगा पार्क के रूप में विकसित किए जाने के कार्य को लेकर उक्त विवाद पैदा हुआ था। बोकारो स्टील प्रबंधन ने एनओसी नहीं दिए जाने के कारण काम रुकवा दिया था, जिसके बाद कथित तौर पर विधायक द्वारा अपने समर्थकों के साथ एजीएम अजीत कुमार को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था। इस संदर्भ में दोनों तरफ से अलग-अलग मामले सिटी थाने में दर्ज कराया गया है, जिसकी जांच अब तक चल रही है, लेकिन साथ ही सियासत भी लगातार जारी है।

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