सरकारी मदद से उन्नत खेती की नई इबारत रच रहे बोकारो के ये दो किसान

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संवाददाता
बोकारो। झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं में कृषि को बढ़ावा देने को लेकर कई पहल की गयी है। इनका उपयोग करके किसान खेती में बेहतर तकनीकी का प्रयोग कर अपने जीवन को खुशहाल बना पा रहे हैं। एेसे ही किसान हैं खुश मोहम्मद और मनोहर महतो। चास के चंदाहा निवासी ये दोनों किसान सरकारी मदद और आधुनिक तकनीक की मदद से जहां खेती के क्षेत्र में कामयाबी की एक नयी इबारत रच रहे हैं, वहीं बाकी किसानों के लिये अपने सपने साकार करने की प्रेरणा भी बने हैं।
बोकारो जिले के चास प्रखंड स्थित ग्राम चंदाहा के प्रगतिशील किसानों में खुश मोहम्मद अंसारी व मनोहर महतो ने सरकार से सहयोग पा कर खेती में बेहतर तकनीकी का प्रयोग कर बड़ी मात्रा में सब्जी उत्पादन कर रहे हैं। ज्ञात हो कि झारखंड सरकार प्रगतिशील किसानों को लेकर कई तरह-तरह की स्कीम के माध्यम से बढ़ावा देने का काम कर रही है, जैसे कभी फसल बीमा,तो कभी कृषि विभाग के द्वारा फसल- बीज का वितरण तो कभी उर्वरक का तो कभी कृषि उपयोग मशीनों का वितरण कर किसानों को खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है, साथ ही उनकी बेहतरी के लिए समय-समय पर कृषि संबंधी प्रशिक्षण का भी प्रावधान भी किया जाता रहा है, जिसका उपयोग कर किसान अपनी आमदनी को दोगुनी कर रहे हैं।  
 
इजराइल में मिली खास ट्रेनिंग
जिला जनसम्पर्क विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार की इन योजनाओं से प्रभावित होकर ये दोनों किसान पहले छोटे-मोटे व्यवसाय कर अपना जीवन-यापन करते थे। साथ ही थोड़ी-मोड़ी खेती भी किया करते थे। जब सरकार की मदद मिली तो खेती के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और धीरे-धीरे ये दोनों खेती को बढ़ावा देने लगे। इसी क्रम में झारखंड सरकार की पहल पर गव्य विकास के तत्वावधान में बेहतर कृषि को लेकर प्रशिक्षण के लिए 32 सदस्य टीम में 22 किसानों को बोकारो जिला से इजराइल भेजा गया, जिसमें बोकारो जिला के चास प्रखंड के चंदाहा ग्राम के किसान खुश मोहम्मद अंसारी भी थे। जिन्होंने बताया कि उनलोगों काे छह दिनों के लिए इजरायल में कृषि के आधुनिकीकरण के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था, जहां उन्हें कृषि फॉर्म में ले जाया गया और वहां तरह-तरह के उपकरणों की मदद से कम जमीन पर बेहतर फसल का उत्पादन किये जाने की तकनीक बतायी गयी। साथ ही कब कौन सा फसल को बोना है और कैसे उत्पादन करना है, इसकी जानकारी दी गयी। इसके अलावा वहां खेती की तकनीकों के साथ-साथ मछली-पालन, गाय-पालन व फल-उत्पादन का विधियां भी बतायी गयीं। प्रशिक्षण के समाप्त होने के बाद वे लोग अपने घर आए हैं और उन तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
 
चार एकड़ में सब्जी की सफल खेती
इजराइल में प्रशिक्षण पाने के बाद खुश मोहम्मद ने अपने सहयोगी मनोहर महतो के साथ मिलकर छोटे-छोटे खेतों को एक में मिलाकर बड़ा किया और पूरे चार एकड़ जमीन में उन्नत तकनीक से सब्जी बोये, जिसमें सरकार की भी काफी मदद रही।इजराइली तकनीक का प्रयोग सफल रहा। जब फसल अच्छी हुई तो बड़ी मात्रा में सब्जी-उत्पादन होने लगा। इससे उनलोगों का हौसला बढ़ा। उसके बाद से वे आसपास के लोगों को भी अपने साथ जोड़ कृषि से रोजगार दे रहा हैं और अच्छी खेती कर अच्छी आमदनी कमा पा रहे हैं। 
 
इन सब्जियों की हो रही खेती
अभी उनलोगों ने चार एकड़ में भिंडी, लौकी और मक्का लगाया। एक  सप्ताह में दो क्विंटल भिंडी, लौकी दो से ढ़ाई क्विंटल, मक्का प्रतिदिन 50 किलोग्राम वे निकाल रहे हैं और बाजार में बेच रहे हैं। इससे उनकी आय में काफी बढ़ोतरी हुई। आज वे बेहतर खेती के माध्यम से अपने और अपने पूरे परिवार का अच्छी तरह से लालन-पालन कर पा रहे हैं। 
 
सरकार का जताया आभार
किसानद्वय ने कहा वे लोग रघुवर सरकार व केन्द्र की मोदी सरकार के आभारी हैं, जो किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर तरह-तरह के स्कीमों को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं। बता दें कि चंदाहा के खुश मोहम्मद अंसारी व मनोहर महतो अभी एक सक्षम किसान के रूप में हैं, जिन्होंने व्यवसाय को छोड़ खेती को प्रमुखता दिया है।
 
क्या है सरकार की योजनायें
सरकार अभी किसानों को बढ़ावा देने के लिए परती भूमि विकास योजना, सिंगल विंडो सेंटर,  बीज विनिमय एवं वितरण कार्यक्रम योजना, मृदा प्रशिक्षण, हरित क्रांति योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना चला रही है।
– Varnan Live Report.
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