बोकारो ः पलटी हुईं ट्रेन की बोगियां, आसपास पड़े लहूलुहान लोग और सायरन की गूंज अचानक देख शुक्रवार को बोकारो स्टेशन के आसपास पहुंचे लोग दंग रह गए। न केवल दंग रह गए, बल्कि सहम भी गए। दरअसल, यह कोई हादसा नहीं था, बल्कि हादसों से निबटने के लिए एक छद्म अभ्यास (मॉक ड्रिल) था। बोकारो स्टील सिटी स्टेशन के हंप यार्ड में शुक्रवार को आद्रा रेल मंडल की ओर से आपदा प्रबंधन से जुड़ी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसके तहत रेलकर्मियों को रेल हादसों से निबटने और आपातकालीन परिस्थिति में जानमाल की रक्षा करने की ट्रेनिंग दी गई।

शुरुआत में, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवान, नागरिक सुरक्षा बल के जवान, भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के स्वयंसेवक तथा चास स्थित एक निजी अस्पताल के मेडिकल टीम छद्म दुर्घटना स्थल पर पहुंची। घायल तथा मृत यात्रियों को क्षतिग्रस्त डिब्बों से निकालने, घायलों को फर्स्ट ऐड देने तथा गंभीर रूप से घायल होने वाले यात्रियों को पास के अस्पताल में भर्ती कराने का अभ्यास किया गया। घायल एवं मृत यात्रियों का संज्ञान प्राप्त करने के लिए रेलवे द्वारा इमरजेंसी इंक्वायरी भी बिठाई गई। पूरी नजारा ऐसा था, मानो वास्तव कोई बड़ी रेल दुर्घटना हुई हो।



कर्मियों की तत्परता और क्षमता की जांच जरूरी ः डीआरएम
कार्यक्रम के अंत में पत्रकारों से बातचीच में मंडल रेल प्रबंधक (आद्रा) नवीन कुमार ने कहा कि यह केवल एक मॉक ड्रिल थी, जिसके किए जाने का मूल उद्देश्य आपदा के समय रेल कर्मियों तथा आपदा प्रबंधन कर्मियों की क्षमता एवं तत्परता की जांच करना रहा। उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी लोगों को इस मॉक ड्रिल के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर बधाई दी।
– Varnan Live Report.