संवाददाता
बोकारो : मैथिली कला मंच काली पूजा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित दोदिवसीय काली पूजनोत्सव का समापन शुक्रवार रात हो गया। नगर के सेक्टर- 2डी स्थित श्यामा माई मंदिर में आयोजित इस वार्षिक पूजनोत्सव के दौरान एक तरफ जहां मां काली की पूजा से आसपास का पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा, वहीं दूसरी ओर शहर के सुविख्यात कलाकारों की ओर से प्रस्तुत भक्तिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम में गीत-संगीत की सुर सरिता बही। एक तरफ जहां ढाक ढोल और शहनाई की ध्वनि के साथ महाकाली के वैदिक मंत्र गुंजरित हो रहे थे, वहीं दूसरी ओर मैया की भक्ति के भजन गूंजते रहे। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर कार्यक्रम का आनंद उठाया। पूजनोत्सव की शुरुआत पार्थिव शिवलिंग पूजन, हनुमत ध्वजदान व वेद पाठ से हुई। इसके साथ ही कुमारि-बटुक भोजन, हवन आरती सहित अन्य कार्यक्रम हुए। गुरुवार रात्रि शुरू हुआ मां काली का पूजन शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।

शुक्रवार प्रातः उषाकाल में महाआरती एवं महाभोग का वितरण किया गया। फिर मां काली का पूजन एवं अपराह्न बेला में कुमारि-बटुक भोजन के बाद संध्या में हवन व महाप्रसाद वितरण हुए। आयोजन की सफलता में केसी झा, सुनील मोहन ठाकुर, मिहिर कुमार झा, अविनाश झा, चंचल झा, शैलेंद्र मिश्र, सोनू, शिवशंकर झा, यूसी झा, विवेकानंद झा, कमलेश मिश्र, विजय कुमार मिश्र अंजू, मिहिर मोहन ठाकुर, गंगेश पाठक, राधेश्याम झा बाऊ, गोविंद झा, गौरीशंकर झा, बहुरन झा, चंदन झा, प्रदीप झा, सुनील चौधरी, राजनंदन ठाकुर, भृगुनंदन ठाकुर, सुदीप ठाकुर, कन्हैया, रवीन्द्र झा, सुभद्र चौधरी, मिंटू, ललित झा, हीरा आदि की अहम भूमिका रही।



वर्ष 1984 में हुई थी पूजा की शुरुआत
श्यामा माई मंदिर में वर्ष 1984 में काली पूजनोत्सव की शुरुआत हुई थी। इसकी परिकल्पना बुद्धिनाथ झा व उनके मित्र दुर्गा चरण झा ‘दुर्धर्ष’ की थी। नेतृत्व बुद्धिनाथ झा ने किया। शुरुआत में स्व. अमरेन्द्र मिश्र पूजा करानेवाले और स्व. ब्रह्मानंद झा ( झपटू बाबू) पूजनकर्ता थे। बुद्धिनाथ झा के अनुसार आरंभ से लेकर उनदोनों के मृत्यु पर्यन्त यही क्रम रहा। इसके बाद राधेश्याम झा (बाऊ) पुजारी नियुक्त हुए अमरनाथ मिश्र, देवेन्द्र झा, अमरनाथ मिश्र, लक्ष्मऩ मिश्र, डॉ. जयानंद मिश्र, शंकर झा, महेशानंद झा, विनोद झा आदि का भी इसमें अहम योगदान रहा है।
आहे शरद सुहासिनी जय अम्बे…



अरुण पाठक व अन्य कलाकारों ने रातभर बांधा समां
श्यामा माई मंदिर में काली पूजनोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम में शहर के सुविख्यात कलाकार अरुण पाठक सहित अन्य कलाकारों ने रातभर अपने भजनों से समां बांधे रखा। शुरुआत अरुण ने गोसाउनिक गीत ‘जय-जय भैरवि…’ से की। इसके बाद उन्होंने ‘अपन मिथिला के गाथा हम सुनू एखने सुनाबै छी…’, ‘आहे शरद सुहासिनी जय अंबे..’, ‘माधव कते तोर करब बड़ाई…’, राम लखन सन पाहुन जिनकर…’, ‘ज्योत से ज्योत जगाते चलो…’ गीत गाए। अमर जी सिन्हा ने राग मालकोश में ‘जय जगदम्बिके…’, ‘अम्बे चरण कमल हैं तेरे…’, ‘ऐसा प्यार बहा दे मैया…’, प्रमोद कुमार ने ‘शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा…’, ‘जेहने किशोरी मोरी तेहने किशोर हे…’ आदि, साधना चौधरी ने ‘सुनू मां जगजननी शरण हम आबि बैसल छी…’ भजनों की प्रस्तुति कर भरपूर सराहना बटोरी। वहीं वरिष्ठ संगीतज्ञ पं. बच्चन महाराज ने राग भैरवी में भवानी दयानी… की मनभावन प्रस्तुति से सबको मोहित कर दिया। कीबोर्ड पर राजेंद्र कुमार, ढोलक पर राकेश कुमार सिंह और आक्टोपैड पर मनोज कुमार ने संगत की। दूसरे दिन शुक्रवार को अरुण पाठक और रंजना राय ने भजन सुनाए। इस दौरान मंदिर परिसर में स्व. पं. अमरेंद्र मिश्र सभागार का अनावरण भी किया गया।
– Varnan Live Report.