नियोजन नियमावली में मैथिली को शामिल करने को लेकर मुखर हुए लोग

0
415

झारखंड में सशक्त आंदोलन चलाने पर दिया जोर

वेबिनार में राज्यभर के बुद्धिजीवियों ने रखीं अपनी बातें

वेबिनार में शामिल लोग।

जमशेदपुर : झारखंड सरकार के नियोजन नियमावली में मैथिली को शामिल करने की मांग को लेकर अब मैथिली भाषा-भाषी मुखर होने लगे हैं। इस मुद्दे पर पूरे राज्य में एकजुट होकर सशक्त आंदोलन चलाने पर जोर दिया जाने लगा है। इसकी शुरुआत मैथिली भाषी राज्य स्तर पर हस्ताक्षर अभियान, पोस्टकार्ड अभियान, ट्विटर अभियान चलाकर करेंगे। यह निर्णय सोमवार की देर शाम अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद की ओर से गूगल मिट पर ऑनलाइन आयोजित राज्य स्तरीय परिचर्चा बैठक में लिया गया। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना के इस संकट की घड़ी में भले ही हम सामूहिक विरोध-प्रदर्शन नहीं कर सकते, लेकिन चुपचाप घर में भी बैठे नहीं रहेंगे। कोरोना समाप्त होते ही पूरे राज्य से जिला बार प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे। इसके साथ ही वक्ताओं ने कोरोना की रफ्तार में कमी आने के बाद जिला स्तर पर धरना व प्रदर्शन कर उपायुक्त के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन भेजने का भी सुझाव दिया। वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में लाखों की संख्या में मैथिली भाषा-भाषी निवास करते हैं। मैथिली को संविधान की अष्टम अनुसूची और द्वितीय राजभाषा, दोनों में स्थान प्राप्त है। इसलिए झारखंड सरकार पर दबाव बनाना आवश्यक है। जन-दबाव में केन्द्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पर बाध्य होना पड़ा। इसलिए मैथिली का सम्मान वापस लाने के लिए हमें भी सशक्त आंदोलन करना होगा। 

डा. रवीन्द्र कुमार चौधरी के संयोजन में आयोजित उक्त बैठक में परिषद के संस्थापक व राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. धनाकर ठाकुर ने उद्घाटन वक्तव्य दिया। बैठक में गोड्डा से राजीव रंजन मिश्र, साहिबगंज से ध्रुव ज्योति सिंह, देवघर से ओम प्रकाश मिश्र, धनबाद से आशीष मिश्र, प्रवीण झा, बोकारो से गिरिजानन्द झा ‘अर्धनारीश्वर’, अमन कुमार झा, नीलम झा, विजय कुमार झा, अरुण पाठक, रांची से अजय झा, अमरनाथ झा, हजारीबाग से हितनाथ झा, सरायकेला खरसावां से राजीव रंजन, जमशेदपुर से मिथिला सांस्कृतिक परिषद के महासचिव ललन चौधरी, अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के महासचिव पंकज कुमार झा, उपाध्यक्ष कमल कांत झा, विनय झा, प्रवक्ता प्रमोद कुमार झा सहित आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में गंगेश पाठक, विवेकानंद झा, नरेन्द्र झा, विजय शंकर, अश्विनी कुमार, अभिनव, निभा पाठक आदि भी शामिल थे। बैठक के अंत में बोकारो की नीलम झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

– Varnan Live Report.

Previous articleव्यक्तित्व विकास और मानसिक संतुलन के लिए धैर्य जरूरी : साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा
Next articleऑरम लॉन्ज का उद्घाटन, परिवार संग बैठ जायके का नया अनुभव अब ले सकेंगे बोकारोवासी
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply