भ्रष्टाचार पर नकेल… पूर्व आईपीएस, आईएएस व डिप्टी कलेक्टरों से चल रही पूछताछ, मानी गलती; कहा- इस दलदल में मैं अकेला नहीं
पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद अन्य भ्रष्टाचारियों पर भी गिर सकती है गाज

दिल्ली/रांची/बोकारो : भ्रष्टाचार में लिप्त पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद अब झारखंड के 5 दर्जन आईएएस-आईपीएस व सैकड़ों अधिकारी खुफिया एजेंसी के रडार पर हैं। जिसके बारे में ‘मिथिला वर्णन’ ने पूर्व में ही इशारा कर दिया था, अब वैसा ही हो रहा है। ईडी, इनकम टैक्स तथा सेंट्रल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी के रडार पर झारखंड के 22 आईएएस, 17 आईपीएस (पूर्व सहित), 32 डीएसपी सहित चार दर्जन इंस्पेक्टर तथा दर्जनों डिप्टी कलेक्टर हैं। उनसे पूछताछ जारी है और कई ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के इस दलदल में वे अकेले नहीं हैं। ऊपर तक के लोग शामिल हैं। बता दें कि इस संवाददाता के पास आज भी पूजा सिंघल की वो तस्वीरें कैमरे में कैद हंै, जिसमें वह अपने पूर्व पति से तलाक से पहले हजारीबाग में शराब के बड़े व्यवसायी बादल जायसवाल के लक्ष्मी सिनेमा हॉल में अपने एक अति नजदीकी झारखंड के वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी से अत्यंत ही निकट होकर नृत्य करती दिखी थीं। उन तस्वीरों ने तत्काल डीआईजी बी.बी. प्रधान व एसपी को भी भौंचक्का कर दिया था।
भ्रष्ट अफसरों का 9 राज्यों में इंवेस्टमेंट, झारखंड के कई वर्तमान व पूर्व डीसी भी संदेह के घेरे में
इस संवाददाता के पास मौजूद कागजी सबूत के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बोकारो, धनबाद, रांची, हजारीबाग व देवघर के कई डीसी, रांची नगर निगम के दो प्रशासक, उत्तरी छोटाागपुर क्षेत्र के एक आईजी, तीन डीआईजी, सात एसपी, कोल्हान क्षेत्र के छह आईपीएस, कोयला क्षेत्र के दो आईपीएस तथा रांची प्रक्षेत्र के 4 आईपीएस के दस्तावेज भी हाल तक खंगाले जा चुके हैं। इसमें यह सूचना आ चुकी है कि इन्होंने पटना, नोएडा, बेंगलुरू, कोलकाता, रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, मुंबई तथा बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश सहित देश के 9 राज्यों में अपना इंवेस्टमेंट कर रखा है। गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने इस संवाददाता से एक वार्ता में कहा कि यदि झारखंड बनने के बाद आईएएस, आईपीएस, जिनमें पूर्व मुख्य सचिव भी शामिल हैं, की कुल संपत्ति का कागजी ब्योरा तैयार किया जाय, तो तीन दर्जन से ज्यादा आईएएस, दो दर्जन से ज्यादा आईपीएस तथा छह दर्जन से ज्यादा डीएसपी व इंस्पेक्टर सहित सैकड़ों की संख्या में डिप्टी कलेक्टर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चल सकता है। उन्होंने इसकी सूची पीएम को पहले ही दे दी है। इधर, शनिवार को बीजेपी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी पांच उपायुक्तों की लिस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंप दी है।
बगैर iPhone 13 मिले साहब नहीं खोलते हैं कोई भी फाइल
सीआईडी के पूर्व डीआईजी ने इस संदर्भ में फोन पर वार्तालाप की भी बातें सुनाईं, जिसमें हाल मे एक वरिष्ठ आईएएस ने जमशेदपुर की संस्था से सीधे तौर पर संपर्क किया और पैसे की मांग की। उनके बारे में यह कथन लोकप्रिय है कि यदि रांची के किसी विभाग में फाइल वर्क की शुरुआत की जानी है, तो आईफोन- 13 या 14 से पहले उस अफसर का स्वागत किया जाना चाहिए। पूजा सिंघल एकमात्र आईएएस नहीं हैं, जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हुए गिरफ्तार कर ली गई हैं।
सेंट्रल इंटेलिजेंस के अनुसार झारखंड में रांची के नगर निगम, उपायुक्त कार्यालय, उत्तरी छोटानागपुर, पलामू, कोल्हान और रांची प्रक्षेत्र के यदि तीन वर्षों का खाका लिया जाय तो यह साफ देखा जा सकता है कि भू-माफयाओं ने कई कागजात गायब कर दिए। बंदूक-रिवॉल्वर के लाइसेंस के लिए उपायुक्तों ने पैसे लिए। वन पदाधिकारियों के इशारे पर लाखों वृक्ष काटे गए। शराब माफियाओं को विशेष तरजीह दी गई, जिन्होंने शादियों पर वरिष्ठ आईएएस के लिए होटलों में पैसे दिए (कुछ ने चेक व डेबिट कार्ड से भी पैसे दिए) तथा खान, बालू, उद्योग तथा शराब के ठेके के लिए फोन पर भी मांग की गई। पूर्व डीआईजी व वर्तमान आईएएस भी भ्रष्टाचार के दलदल में बताये जाते हैं, जिनके बारे में कभी पूर्व डीजीपी शिवाजी महान कैरे ने भी अपनी चिन्ता जतायी थी। आरटीआई से मांगी गई सूचनाओं के अनुसार इस संवाददाता को इनके द्वारा बिहार, झारखंड, यूपी, नोएडा सहित देश के कई शहरों में की गई खरीद-बिक्री के सारे दस्तावेज उपलब्ध करा दिये गये हैं।
बोले बाबूलाल- कोई दूध का धुला नहीं, हमाम में सभी…



झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के अनुसार इसमें दूध के धुले कोई नहीं और हर पार्टी के नेता हमाम में नंगे हैं। सूत्रों की मानें तो अंग्रेजी की एक कहावत हैै- इट्स कैन आॅफ वर्म्स (यह कीड़ों का समूह है), जिसमें कोई बचे नहीं हैं। इस पत्रकार से खास बातचीत में झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक शिवाजी महान कैरे ने अपनी मृत्यु के पूर्व बताया था कि ‘जब विजिलेंस में घटिया और भ्रष्टाचारी अफसरों की पोस्टिंग कर दी गई थी तब कैसे कहा जा सकता है कि यहां निष्पक्ष, निर्भीक तथा ईमानदार अफसर काम कर सकेंगे।’ आज यह कहावत चरितार्थ हो रही है।
Breaking… हेमंत सरकार का जाना तय, पर भाजपा के कई सांसद-विधायक चाहते हैं बनी रहे झामुमो सरकार
भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी सिस्टम के खुलासे के बाद अब यह तय हो चला है कि हेमंत सोरेन की सरकार जल्द ही जाएगी। बातें चल रही हैं कि अगले मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, चम्पई सोरेन या जोबा मांझी होंगी। क्योंकि, सोरेन परिवार को रबर स्टांप के रूप में मुख्यमंत्री चाहिए। यदि नहीं तो इस सरकार का हश्र वही होगा, जो लालू यादव, मधु कोड़ा, मायावती सहित अन्य लोगों का हुआ। इस संबंध में यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के पांच एमएलए और दो एमपी (राज्यसभा सहित) भी भ्रष्टाचार के इस दलदल में झामुमो सरकार के साथ सने हैं। ऐसे नेता किसी भी हाल में झामुमो की सरकार चाहते हैं। यदि ऐसा नहीं होता, तो अब तक यह सरकार गिर गई होती। कोई एमएलए करोड़ों का अस्पताल बनवा रहा है, कोई शराब के धंधे में लिप्त हैं, तो कोई भू-माफिया श्रीवास्तव बंधु सहित अन्य लोगों के साथ सलिप्त हैं। वहीं, कई माइंस (खान) तथा बालू माफियाओं, कोल ट्रांसपोर्टिंग में सरायढेला, धनबाद, बोकारो, रांची पलामू तथा कोल्हान क्षेत्र में लगे हैं।
– Varnan Live Report.