विषम परिस्थितियों से लड़कर ही हम जीवन में बन पाते हैं दक्ष : गंगवार

0
189

DPS बोकारो में त्रिदिवसीय ‘साहित्योत्सव’ आयोजित, विद्यार्थियों ने दिखाई बौद्धिक व तार्किक क्षमता

बोकारो : शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में साहित्यिक गुणों का विकास करने के उद्देश्य से डीपीएस बोकारो में आयोजित तीनदिवसीय साहित्योत्सव (लिटरेरी फेस्ट) का समापन शुक्रवार को हुआ। इसके तहत विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार की स्पर्धाओं में अपनी कुशल बौद्धिक व तार्किक क्षमता का परिचय दिया। बोधी- द इनलाइटनमेंट नामक इस आयोजन के पहले दिन मोर इंफॉर्मेशन, मोर कंफ्यूजन विषय पर अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई। पक्ष के प्रतिभागियों ने जहां अधिक सूचना को ज्ञानार्जन और बौद्धिक क्षमता के संवर्धन के साथ-साथ निर्णय-निर्धारण में सहायक बताया, वहीं विपक्ष के प्रतिभागियों ने इसे मानसिक उलझन और अल्पज्ञान के रूप में खतरनाक बताया।

प्रतियोगिता में चेनाब हाउस की श्रुति सिंह को प्रथम स्थान मिला। झेलम हाउस के राहुल कुमार सिंह व सतलज की अनमोली सिंह ने संयुक्त रूप से द्वितीय तथा जमुना सदन के आकाश राज  व गंगा हाउस की आद्या मिश्रा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। दूसरे दिन विषम परिस्थितियां ही हमारा मार्गदर्शन करती हैं विषय पर हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई। इसमें पक्ष के प्रतिभागियों ने जहां परिस्थितियों से लड़कर और आगे बढ़कर सफलता व सौभाग्य मिलने की बात कही। वहीं, विपक्ष ने विषम परिस्थितियों को विवेकशून्यता, परेशानी और पराजय का कारण बताया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य ए.एस. गंगवार ने विषम परिस्थिति को सम में बदलने की कला सीखने पर जोर दिया। कहा कि जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। विषम परिस्थितियों से लड़कर ही हम दक्ष बन पाते हैं, इसलिए परिस्थितियों के सामने या तो टूट जाओ, बिखर जाओ या निखर जाओ। प्रतियोगिता में झेलम सदन की श्रेष्ठा रूपम द्विवेदी प्रथम रहीं। जमुना सदन के हर्ष राज व गंगा सदन के आर्या गौतम संयुक्त रूप से द्वितीय तथा झेलम सदन के दिव्यांशु आचार्य व जमुना हाउस की संजीवनी कुमारी ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।

अंतिम दिन शुक्रवार को स्पेलिंग कंपटीशन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने शब्दों की पहेलियां सुलझाईं और पूछे जाने वाले जटिल अंग्रेजी शब्दों के स्पेलिंग बताए। प्रतियोगिता में गंगा सदन की टीम प्रथम स्थान पर रही। सतलज और चेनाब सदन क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।

– Varnan Live Report.

Previous articlePM had a clear message about the national Heroes
Next articleDPS चास में छात्र परिषद का चुनाव संपन्न, SDO ने कहा- स्कूल से ही मिलती है जिम्मेदारियों की सीख
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply