श्रीराम की तरह आज्ञाकारी व कर्तव्यनिष्ठ बनें बच्चे ः महेश त्रिपाठी

0
329

विशेष सभा में रामायण की झांकी दिखा विद्यार्थियों ने किया मोहित

बोकारो ः चिन्मय विद्यालय के प्राथमिक वर्ग की ओर से शुक्रवार को विद्यालय तपोवन सभागार में दीपावली एवं छठ पूजा के उपलक्ष्य में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इसमें कक्षा प्री नर्सरी से द्वितीय तक के नन्हे विद्यार्थियों ने बहुत सुंदर नृत्य व नाटिका के मंचन से सबको मोहित कर दिया। खास तौर से रामायण की झांकी दिखाकर बच्चों ने काफी सराहना बटोरी। मासूमियत भरे अंदाज में उनकी अदाकारी, संवाद-प्रेषण व अभिनय कला अतुलनीय रही। 

इस अवसर पर विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी ने छात्रों का मनोबल बढ़ाया तथा भगवान श्रीराम के जीवन से शिक्षा लेते हुए उनकी भांति आज्ञाकारी एवं कर्तव्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा दी। प्राचार्य सूरज शर्मा ने छात्रों के प्रयास की सराहना कररते हुए उन्हें दिवाली व छठ की शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम को सफल बनाने में रश्मि शुक्ला, सोमा झा, निशा शर्मा, रिंकी पांडे, रेणु शाह, अल्पना सिंह, सरिता वर्मा सहित प्री-नर्सरी व नर्सरी के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अहम भूमिका निभाई।कार्यक्रम का संचालन मोनिका और धन्यवाद ज्ञापन रश्मि शुक्ला ने किया।

– Varnan Live Report.

Previous articleचित्रों के जरिए बच्चों ने दिखाई ‘स्वच्छ भारत मिशन’ व ‘अमृत महोत्सव’ की झलक
Next articleडाक टिकट डिजाइन प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाई प्रतिभा
मिथिला वर्णन (Mithila Varnan) : स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता'! DAVP मान्यता-प्राप्त झारखंड-बिहार का अतिलोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक अब न्यूज-पोर्टल के अवतार में भी नियमित अपडेट रहने के लिये जुड़े रहें हमारे साथ- facebook.com/mithilavarnan twitter.com/mithila_varnan ---------------------------------------------------- 'स्वच्छ पत्रकारिता, स्वस्थ पत्रकारिता', यही है हमारा लक्ष्य। इसी उद्देश्य को लेकर वर्ष 1985 में मिथिलांचल के गर्भ-गृह जगतजननी माँ जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की कोख से निकला था आपका यह लोकप्रिय हिन्दी साप्ताहिक 'मिथिला वर्णन'। उन दिनों अखण्ड बिहार में इस अख़बार ने साप्ताहिक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी। कालान्तर में बिहार का विभाजन हुआ। रत्नगर्भा धरती झारखण्ड को अलग पहचान मिली। पर 'मिथिला वर्णन' न सिर्फ मिथिला और बिहार का, बल्कि झारखण्ड का भी प्रतिनिधित्व करता रहा। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं। अन्तर सिर्फ यह हुआ कि हमारा मुख्यालय बदल गया। लेकिन एशिया महादेश में सबसे बड़े इस्पात कारखाने को अपनी गोद में समेटे झारखण्ड की धरती बोकारो इस्पात नगर से प्रकाशित यह साप्ताहिक शहर और गाँव के लोगों की आवाज बनकर आज भी 'स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता' के क्षेत्र में निरन्तर गतिशील है। संचार क्रांति के इस युग में आज यह अख़बार 'फेसबुक', 'ट्वीटर' और उसके बाद 'वेबसाइट' पर भी उपलब्ध है। हमें उम्मीद है कि अपने सुधी पाठकों और शुभेच्छुओं के सहयोग से यह अखबार आगे और भी प्रगतिशील होता रहेगा। एकबार हम अपने सहयोगियों के प्रति पुनः आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना विशेष योगदान दिया है।

Leave a Reply