ED फिर करेगा हेमंत को तलब, कहा- कथनी और वास्तविकता में है फर्क

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मामला एक हजार करोड़ के अवैध खनन व अकूत संपत्ति का : पहचानने से इनकारे गए प्रेम सहित 4 के वीडियो व कॉल डिटेल मौजूद

शशांक शेखर
दिल्ली/रांची : 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तलब कर सकता है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार ईडी सीएम हेमंत के जवाबों से कतई संतुष्ट नहीं है। ईडी ने माना है कि हेमंत की कथनी और करनी में अंतर लग रहा है और अगले सप्ताह उन्हें फिर ईडी आफिस में पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। ईडी कार्यालय के एक सदस्य ने इस संवाददाता को बताया कि हेमंत जो कहते हैं और जो करते हैं, उसमें बड़ा फर्क है। सूत्रों का दावा है कि हेमंत सोरेन ने प्रेम प्रकाश सहित जिन पांच लोगों को पहचानने से भी इनकार कर दिया, उनका वीडियो और कॉल रिकॉर्डिंग प्रवर्तन निदेशालय के पास मौजूद है। ईडी के पास जो दस्तावेज हैं, वो साबित करते हैं कि हेमंत का प्रेम प्रकाश के साथ दशकों से ‘प्रेम’ रहा है और अगले हफ्ते उन सभी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। गौरतलब है कि ईडी ने अवैध खनन से जुड़े मामले में सियासी गलियारों में चर्चित रहे प्रेम प्रकाश को बीते 25 अगस्त को जेल भेजा था। प्रेम प्रकाश के यहां ईडी ने छापेमारी में सीएम हाउस में तैनात दो जवानों के एके-47 और कारतूस पाए थे। ज्ञातव्य है कि हेमंत सोरेन ने ईडी की पूछताछ के बाद अपने समर्थकों के बीच एक होने का आह्वान करते हुए कहा कि उनको फंसाने की साजिश रची जा रही है। लेकिन, पांच आईएएस अधिकारी और सात आईपीएस अधिकारी जिस तरह इस पूरे मामले में फायदेमंद रहे हैं, उसका पूरा रिकॉर्ड भी ईडी के पास मौजूद है। सूचना के अनुसार अभिषेक प्रसाद, पिंटू श्रीवास्तव, छवि रंजन सहित 11 अफसरों के साथ बिल्डरों की पूर्ण वातार्लाप और वीडियोग्राफी ईडी के पास मौजूद है। इनमें कुछ बिल्डरों को एक बार फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। रिकॉर्डिंग पिछले दो वर्षों से की जा रही थी। सिर्फ रांची में तीन बिल्डरों द्वारा 56 एकड़ जमीन को बिल्डरों ने अवैध रूप से ले लिया है, जिसके बारे में तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने ग्रीन सिग्नल दे दिया था, लेकिन रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने इस सभी को अवैध मानते हुए इन पर होल्ड लगा दिया।

बोले हेमंत- भाजपा वालों की सरकार गिराने की साजिश
ईडी की कार्रवाई को लेकर सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि यह सब भाजपा वालों की उनके खिलाफ साजिश है। राज्य सरकार की लोकप्रियता देख बीजेपी नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है। रघुवर दास के शासनकाल में महोत्सवों और अन्य कार्यक्रमों के नाम पर खुलकर लूट हुई। इन सबकी जांच ईडी क्यों नहीं करता? अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो पूरी ताकत से वह इसका विरोध करेंगे। हेमंत ने सीधे तौर पर चैलेंज करते हुए कहा कि अगर उनके साथ कुछ भी हुआ तो मूलवासी-आदिवासी बर्दाश्त नहीं करेंगे। बाहरी चेत जाएं। अब मूलवासी-आदिवासी का राज होगा। इस मामले में हेमंत ने राज्यपाल पर भी निशाना साधा है। कहा कि भाजपा वालों की सरकार गिराने की साजिश को राज्यपाल संरक्षण दे रहे हैं। बहरहाल, अगर यह बीजेपी वालों की साजिश है भी तो अब देखना दिलचस्प होगा कि शह-मात के इस खेल में अमित शाह की जीत होती है या हेमंत की। वैसे सूत्रों की मानें तो बीजेपी के कई ऐसे नेता भी है, जिनकी हेमंत के यहां आमद-रफत है। वे भाजपा के आलाकमान से सूचनाएं लेकर हेमंत तक पहुंचाते हैं। खैर… सियासत का यह खेल एक बार फिर रोमांचक हो चुका है, जिसका रिजल्ट क्या होगा, देखना बाकी है।

जिसे पहचानते नहीं, उसके साथ फोटो खिंचाते : बाबूलाल

पंकज और डाहू जे साथ सीएम हेमंत की फाइल फोटो।

सीएम पर ईडी की कार्रवाई को ले भाजपा का पलटवार भी खूब चल रहा। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज अवैध खनन मामले के आरोपी बाहुबली दाहू यादव की सीएम हेमंत सोरेन और सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के साथ एक तस्वीर ट्वीट कर निशाना साधा है। कहा कि ईडी कार्यालय में सीएम हेमंत सोरेन अवैध खनन मामले के आरोपी को पहचानते नहीं हैं और बाहर दाहू यादव के साथ तस्वीर खिंचाते फिरते हैं। बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल से सीएम हेमंत सोरेन, विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और दाहू यादव की तस्वीर पोस्ट की। इसमें जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तस्वीर के मध्य में बैठे दिखाई दे रहे हैं। इसमें बाबूलाल मरांडी ने यह भी लिखा है कि क्षमा-याचना के साथ यह तस्वीर (दाहू यादव के साथ) इसलिए पोस्ट करनी पड़ रही है कि मुख्यमंत्री लुटेरों, दलालों, अपराधियों को नहीं जानते कि चतुराई से सफाई देकर ईडी की जांच में बच निकलना चाहते हैं, लेकिन ऐसी कई और तस्वीरें एजेंसियों के हाथ लगी हैं, जिसके सामने हेमंतजी को सच कबूल करना ही होगा।

… और तार-तार हुई सीएम पद की गरिमा
वैसे तो झारखंड में सत्ता की लड़ाई इसके स्थापना-काल से ही होती रही है। दल-बदल, हार्स ट्रेडिंग जैसे मामले यहां के लिए अब पुराने हो गए हैं। लेकिन, भ्रष्टाचार के मामले में ऐसा पहली बार हुआ है जब पद पर रहते किसी मुख्यमंत्री से ईडी ने पूछताछ की है। ईडी ने न केवल एक हजार करोड़ रुपए के अवैध खनन को लेकर उनसे पूछताछ की, बल्कि उनकी चल-चल संपत्ति के बारे में भी छानबीन की। विगत दो-ढाई सालों में अर्जित पूरी संपत्ति का ब्यौरा देने का निर्देश उन्हें दिया गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री से कई प्रकार के दस्तावेजों की मांग ईडी ने की है। संभावना है कि जब मुख्यमंत्री संबंधित डॉक्यूमेंट सौंप देंगे, उसके बाद आगे फिर पूछताछ की जाएगी।

– Varnan Live Report.

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