CBSE की भारी चूक- 10वीं की अंग्रेजी की परीक्षा में पूछे गलत सवाल, विद्यार्थी उलझन में, शिक्षाविदों में रोष

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कंप्रीहेंशन पैसेज में लिखा था 8 जून और सवाल में पूछा 8 जुलाई का जवाब

लिटरेचर और दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के प्रश्नों में भी गलती

बोकारो ः सीबीएसई की परीक्षाओं में प्रश्नपत्र की गड़बड़ी कोई नई बात नहीं है। दो साल के कोरोनाकाल के बाद देशभर में इन दिनों ऑफलाइन मोड में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं और एक बार फिर पेपर में गड़बड़ी सामने आई है। सोमवार को 10वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय की परीक्षा हुई। लेकिन, क्वेश्चन पेपर में एक नहीं, अनेक गलतियों से परीक्षार्थियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कई विद्यार्थी तो सीबीएसई की गलती के कारण प्रश्न का उत्तर दे ही नहीं सकें और कुछ उलझन में पड़े रहे। दरअसल, अंग्रेजी विषय के प्रश्न-पत्र में ऐसे सवाल पूछे गए जो उनसे संबंधित थे ही नहीं। वहीं, लिटरेचर और दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के प्रश्नों में भी भारी चूक सामने आई। कुल 10 अंक वाले प्रश्न संख्या- 2 में कंप्रीहेंशन पैसेज दिया गया था, जिसमें इसरो द्वारा 8 जून तक कोई सिग्नल नहीं भेज पाने की बात लिखी थी। जबकि जो सवाल दिए गए थे, उनमें पांचवें प्रश्न में 8 जुलाई का जिक्र कर उत्तर देने को कहा गया था। इसके कारण बच्चे उलझन में पड़े रहे कि वे लिखें तो क्या लिखें।   

इसी प्रकार, लिटरेचर के प्रश्न संख्या 8 (डी)- लघु उत्तरीय प्रश्न (शॉर्ट आंसर क्वेश्चन) में त्रुटि थी। इसमें सवाल पूछा गया था कि लेमोव ने चेकव से किस बात को लेकर माफी मांगी थी? जबकि, उस पूरी स्टोरी में न तो किसी की गलती और न ही किसी के माफीनामे या उसके कारण की कोई बात उल्लिखित थी। इस सवाल का वाक्य विन्यास और शाब्दिक अशुद्धि भी विशेषज्ञों ने गलत होने का दावा किया।  जाहिर है, इस प्रश्न ने भी बच्चों को मुसीबत में डाल दिया। प्रश्न-पत्र में दी गई सामग्री से बाहर काल्पनिक प्रश्नों के कारण बच्चों को कम नंबर मिलने का डर सताने लगा है। जबकि, इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी।


    प्रश्न-पत्र में तीसरी और एक और बड़ी खामी दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए दिए गए प्रश्न को लेकर थी। क्वेश्चन पेपर के प्रश्न संख्या- 5 (ए) और 5 (बी) अस्पष्ट थे। सामान्य और दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए 5 (ए) एवं 5 (बी) प्रश्नों का स्पष्ट वर्गीकरण नहीं किया गया था। ऊपर हेडिंग में लिखा था ‘फॉर विजुअली चैलेंज्ड कैंडिडेट्स’ उसके नीचे सामान्य बच्चों के लिए 5 (ए) और 5 (बी) प्रश्न था, जिससे परीक्षार्थियों को परेशानी हुई। विद्यार्थी समझ नहीं पा रहे थे कि कौन दृष्टिबाधितों के लिए है और कौन सामान्य परीक्षार्थियों के लिए। इसी प्रकार, प्रश्न संख्या- 7 के 9 बी में अंडरलाइन नहीं था।

विद्यार्थियों ने कहा, ऐसी गलतियां तनाव का कारण
प्रश्नपत्र की गलतियों को बच्चे अतिरिक्त तनाव का कारण बता रहे हैं। राहुल अग्रवाल नामक एक परीक्षार्थी ने कहा कि सबसे ज्यादा दिक्कत उसे प्रश्न सं. 2 में हुई, जिसमें जुलाई का सवाल पूछा गया, जबकि पैसेज में जून लिखा था। उसे कुछ नहीं सूझा, तो उसने उसका आंसर ही नहीं लिखा। बाकी दो-तीन जगहों पर भी दिक्कत हुई। प्रियंका प्रेयसी नामक छात्रा ने बताया कि एक तो वे लोग परीक्षा को लेकर ऐसे ही तनाव में रहते हैं। समय पर सभी प्रश्नों के उत्तर कंप्लीट करने होते हैं, लेकिन इस तरह की खामी और तनाव बढ़ाती ही है। सवालों के उलझन में समय की बर्बादी हुई और कम नंबर आने का अब डर भी हो रहा है। सीबीएसई को ऐसे प्रश्नों के एवज में पूरे मार्क्स देने चाहिए।

ऑब्जर्वर ने भेजी अपनी रिपोर्ट
अंग्रेजी विषय के प्रश्न-पत्र में मिली गड़बड़ी को लेकर बोकारो के विभिन्न परीक्षा केंद्रों के पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। बता दें कि इस बार सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में गलत या अस्पष्ट प्रश्न होने पर इसकी जानकारी देने के लिए सीबीएसई द्वारा सभी परीक्षा केंद्रों पर विषयवार शिक्षक ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किए गए हैं। इनका काम परीक्षा समाप्त होने के साथ प्रश्न-पत्र के सभी सेट के प्रश्नों की समीक्षा करना है। अपनी समीक्षा की रिपोर्ट वे आन एग्जाम सेंटर मैनेजमेंट सिस्टम (ओईसीएसएस) पर देते हैं। उसी के आधार पर बोर्ड मार्किंग स्कीम तैयार करेगा।

सिटी कोऑर्डिनेटर बोले- बच्चे घबराएं नहीं, गलत क्वेश्चन पर मिलेगा पूरा अंक

CBSE के सिटी को-ऑर्डिनेटर सूरज शर्मा।


इस मामले में पूछे जाने पर सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर सूरज शर्मा ने प्रश्न-पत्र में गलती पर हामी भरते हुए कहा कि परीक्षार्थियों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। गलत प्रश्न होने पर उन्हें उस सवाल का पूरा अंक मिलेगा। यह पूरी तरह बोर्ड पर निर्भर करता है। सभी विषयों के विशेषज्ञ ऐसे मामलों में अपना फीडबैक हर दिन सीबीएसई को भेजते हैं। उसके अनुसार वे भी अपनी सूचना दे देते हैं। जिन सेंटरों पर परीक्षा होती है, वहां से फीडबैक दिया जाता है। अगर प्रश्न गलत रहता है, तो उसमें बच्चों को पूरा नंबर मिलता है। इसी हिसाब से मार्किंग स्कीम तय की जाती है। विदित हो कि बोकारो जिले में कुल 20 केंद्रों पर सीबीएसई 10वीं एवं 12वीं के 15905 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। इनमें 10वीं के 8647 एवं 12वीं के 7258 परीक्षार्थी शामिल हैं।

शिक्षाविदों ने एक स्वर में कहा- करोड़ों बच्चों के भविष्य का सवाल, त्रुटिरहित हों प्रश्नपत्र
झारखंड की शैक्षणिक राजधानी माने जाने वाली इस्पातनगरी बोकारो के शिक्षाविदों ने सीबीएसई के प्रश्न-पत्र में ऐसी भारी गड़बड़ियों पर रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अगर सीबीएसई एरर-फ्री करेक्शन चाहता है, तो यह सुनिश्चित करे कि त्रुटिरहित और संतुलित प्रश्नपत्र भी हों। ऐसे प्रश्न नहीं पूछे जाने चाहिए कि जिनसे बच्चे कंफ्यूज करें और उनका आत्मविश्वास प्रभावित हो। यह देश के करोड़ों विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है। केवल 10वीं में ही नहीं, बीते शुक्रवार को हुई 12वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा में भी प्रश्नपत्र में गलतियां थीं।

Varnan Live Report.

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