संवाददाता
बोकारो : झारखंड में राजपाट की एक नई इबारत रची जा रही है। जनता को राजभवन जाने की जरूरत नहीं, राजभवन अब जनता के बीच पहुंच रहा है। यह अनूठी महा-मुहिम चला रहे हैं महामहिम राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन। उनका कहना है- ‘जब मैंने राज्यपाल के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया, उस दिन हमने यह निर्णय लिया कि लोगों को राजभवन जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि राजभवन को जनता के बीच जाना चाहिए।’ बोकारो में राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय में अपनी इसी मुहिम के तहत पहुंचे राज्यपाल ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में ये बातें कही। उन्होंने कहा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव के अनुसार हम सभी को गांव का भ्रमण कर धरातल पर विकास की सच्चाई समझनी है, इसलिए मैं लगातार गांवों और पंचायतों में भ्रमण कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि इस भ्रमण के दौरान वह विकास स्पष्ट देख रहे हैं। कहा, इसमें कोई इनकार नहीं है कि विकास की इस यात्रा में अभी और आगे जाना है, लेकिन जो पहल की गई है और जो काम हुए हैं, वे यह बताते हैं कि हम लोग विकास की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
शिक्षा युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने का आधार
बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड अंतर्गत राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चपरी के भ्रमण के दौरान
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा युवा पीढ़ी को अपने पैरों पर खड़ा करने का सबसे महत्वपूर्ण आधार है। युवाओं की मानसिकता, उनका नजरिया बदलने में शिक्षा आधार-स्तंभ की भूमिका निभाती है। शिक्षा की अहमियत को देखते हुए ही हमलोग शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने यहां विद्यालय के बच्चों से उनका दोस्त बन घुल-मिलकर उनसे बातें कीं। उनकी पढ़ाई-लिखाई का हाल-चाल जाना, माथे पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और उन्हें दुलारते हुए उनके बीच चॉकलेट भी बांटे। बच्चे भी उनके साथ काफी उत्साहित नजर आए। श्री राधाकृष्णन ने मासूम बच्चों से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की और स्कूल की पढ़ाई पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने उक्त विद्यालय में 12वीं तक की पढ़ाई भी शुरू कराने को लेकर पहल करने का आश्वासन दिया। नई शिक्षा नीति के बारे में पूछे जाने पर राज्यपाल ने कहा कि यह बच्चों में प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता विकसित करने में काफी सहायक है, जिसे लागू करने की वास्तव में आवश्यकता थी। कई वर्षों के प्रयास के बाद यह नीति लागू हो सकी है, जिसके हर पहलू को क्रियान्वित करने की जरूरत है।
व्याख्याताओं की कमी जल्द दूर होने के आसार
झारखंड के शैक्षणिक विकास में राज्यपाल ने यहां शिक्षकों, खासकर विश्वविद्यालयों में व्याख्याताओं की कमी को एक महत्वपूर्ण चुनौती बताया। कहा कि इसका समाधान जल्द निकाले जाने की आवश्यकता है। इस बावत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जैसे उन्हें पता चला है कि 2008 से कोई नियुक्ति नहीं हुई, तो उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा। उन्होंने सीएम से एक नया पब्लिक सर्विस कमीशन तैयार कर विश्वविद्यालयों में पर्याप्त असिस्टेंट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है। उम्मीद है कि यह जल्दी पूरी होगी।
इस क्रम में राज्यपाल ने विभिन्न योजनाओं के तहत लाभुकों के बीच सांकेतिक रूप से परिसम्पत्ति का वितरण भी किया। इस मौके पर जिले के उपायुक्त कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार झा, वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार, उपविकास आयुक्त कीर्ति श्री, चास के अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत सहित सभी वरीय प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। इसके पूर्व महामहिम को सम्मान गारद दिया गया। जबकि, विद्यालय में झारखंडी परम्परानुसार उनका स्वागत किया गया। गिरिडीह होते हुए बोकारो जिला पहुंचे राज्यपाल चपरी गेस्ट हाउस में भोजन के बाद सड़क मार्ग से राजभवन, रांची के लिए विदा हो गए।
– Varnan Live Report.