हेमंत सोरेन हाजिर हों… ED ने 14 को पेश होने का दिया समन, CMO में हड़कंप

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मायावती और जगनमोहन रेड्डी जैसा कहीं न हो हश्र, सवालों के घेरे में झारखंड CID की भूमिका

ED Summons Hemant Soren

शशांक शेखर की विशेष रिपोर्ट

रांची। जमीन घोटाले के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने आगामी 14 अगस्त को हाजिर होने का समन जारी किया है। अगर वह हाजिर नहीं हुए, तो संभवतः उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। आगामी 31 अगस्त को मुंबई में होने वाली I.N.D.I.A.(Indian National Developmental Inclusive Alliance) की बैठक से ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हेमंत सोरेन को घेरने की तैयारी में है। ईडी ने अपने समन में यह दर्शा दिया है कि या तो नवीन पटनायक, मायावती या वाईएस जगनमोहन रेड्डी की तरह एनडीए के समक्ष नतमस्तक हो जाएं या जमीन व अकूत संपत्ति इकट्ठा करने के मामले में अपने कथित भ्रष्टाचार के चलते गिरफ्तारी के लिए तैयार हो जाएं।

ED द्वारा जारी समन की प्रति- पेज -1
ED द्वारा जारी समन की प्रति- पेज -1
ED द्वारा जारी समन की प्रति- पेज - 2
ED द्वारा जारी समन की प्रति- पेज – 2

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जेल में बंद जमीन घोटाले से संबंधित तीन लोगों ने इस मामले में सरकारी गवाह बनने की पेशकश की है और झारखंड सीआईडी टीम इस मामले में भयंकर कमजोर साबित हुई है, जिसने मुख्यमंत्री कार्यालय को कई जगहों पर गुमराह करने की कोशिश की। यह समन जमीन मुख्य रूप से भूमि घोटालों से संबंधित हैं, लेकिन इसके अलावा चार ऐसे व्यवसायी, जिनकी अकूत संपत्ति रांची, कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु तथा विदेशों में भी है, उन्होंने भी मुख्यमंत्री को गुमराह किया।

इस संवाददाता से बात करते हुए एक वरीय ईडी अधिकारी ने कहा कि यहां तो भ्रष्टाचार का दलदल है। जहां भी हाथ डालो, वहीं भ्रष्टाचार है। रांची में 31 एकड़ जमीन, जिसमें आईएएस अधिकारी भी सम्मिलित हैं, संथाल परगना में दर्जनों एकड़ जमीन तथा वैसे आईपीएस अधिकारी, जिनके विरुद्ध कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं, उनको वरिष्ठ पदों पर मुख्यमंत्री को बैठाना अब महंगा पड़ेगा। ईडी के अधिकारी के द्वारा दी गई सूचना के अनुसार रांची, जमशेदपुर, दुमका, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग के जमीन घोटाले कहीं-न-कहीं मुख्यमंत्री की ओर इंगित करते हैं, जिनमें उनके सिपहसालार के फोन रिकॉर्ड ईडी के पास मौजूद हैं। आगामी 14 अगस्त 2023 को यदि सीएम ईडी के पास अपनी उपस्थिति किसी कारणवश नहीं दर्ज करा पाते हैं, तो दूसरी तिथि दी जाएगी। लेकिन, 31 अगस्त के पहले वह अपनी ईमानदारी साबित नहीं कर सके, तो उनके लिए यह खतरे की घंटी साबित हो सकती है। विदित हो कि भ्रष्टाचार के मामलों में सरकारी कार्रवाई का सामना कर चुके वाईएस जगनमोहन रेड्डी, मायावती जैसे कई नेता आज मोदी के समक्ष नतमस्तक हैं। ईडी की सख्ती कहीं-न-कहीं हेमंत सोरेन को भी घेरने की कोशिश में है।

http://varnanlive.com Report.

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2 COMMENTS

  1. को नहीं जानत है जग में ” मिथिला वर्णन”
    स्वस्थ पत्रकारिता है इसकी पहचान 🙏

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