बोकारो : लोकतंत्र के महापर्व चुनाव की घड़ी आखिरकार आ ही गयी। इसे लेकर लम्बे समय से चली आ रही सभी दलों के उम्मीदवारों ने अपनी तैयारियों के लिये हर पत्ते खोल दिये। जिस किसी तकनीक या जुगाड़ से मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जाय, वह तमाम हथकंडे अंतिम घड़ी में प्रत्याशियों ने लगा दिये। सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। यहां धनबाद व गिरिडीह लोकसभा क्षेत्रों के लिये चुनाव को लेकर आर या पार की लड़ाई के लिये ऐंड़ी-चोटी एक कर दी गयी। स्टार प्रचारकों से लेकर बड़े नेतागण चुनावी अभियान का मोर्चा संभाल अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने का आह्वान कर चलते बने। लेकिन, फैसला तो जनता ही करेगी। 12 मई के मतदान के साथ ही ईवीएम में कैद उम्मीदवारों की तकदीर का फैसला अब 23 मई को होगा। उसी दिन यह स्पष्ट हो जायेगा कि किसे जनता ने अपना आशीर्वाद किया और किसे नकार दिया। वैसे सभी मुख्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशी खुद की जीत पक्की होने के दावे तो कर रहे हैं। किसी को कान्फिडेन्स है तो किसी को ओवरकान्फिडेन्स, लेकिन होगा तो वही जो जनता चाहेगी, क्योंकि यह जनतंत्र है, जनता का, जनता के लिये, जनता के द्वारा।

मंच पर उतरे कई दिग्गज
धनबाद व गिरिडीह लोकसभा क्षेत्रों में मुकाबला सीधे-सीधे यूपीए और एनडीए के बीच है और ‘मिथिला वर्णन’ के एक खास सर्वे में मोदी लहर की बात स्पष्ट तो हुई, परंतु जनादेश क्या होता है, वह तो ईवीएमरूपी किस्मत का पिटारा खुलने के बाद ही साफ हो सकेगा। वैसे अंतिम समय में भाजपा और विपक्ष के महागंठबंधन ने जमकर अपनी शक्ति लगा डाली। भाजपा ने जहां केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को उतारा तथा अंतिम दौर में एक बार फिर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया, वहीं दूसरी तरफ यूपीए ने नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी मंच पर उतारा। यूपीए व एनडीए के इन शीर्ष नेताओं ने एक-दूसरे पर वार-पलटवार किया।
- Varnan Live (12/05/19)