मिथिला स्वर कोकिला के रूप में अपनी विश्वस्तरीय पहचान बनाने वाली युवा कलाकार मैथिली ठाकुर के गीतों पर बोकारोवासी मंत्रमुग्ध हो झूमते रहे। केसरिया बालम एवं अन्य सूफियाना गीतों पर मैथिली के साथ बोकारो के सुप्रसिद्ध युवा तबलावादक रूपक कुमार झा ने कुशल संगत कर सभी की भरपूर सराहना बटोरी। अवसर था मैथिली कला मंच काली पूजा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित तीनदिवसीय काली पूजन उत्सव के समापन का। मैथिली ने अपनी गायकी में मिथिलांचल की पारंपरिक छटा के साथ-साथ भारतीय संगीत की विविधता और आधुनिकता का मिला-जुला स्वरूप प्रस्तुत किया और उसकी इसी खासियत ने एक बार फिर नगरवासियों को झूमने पर विवश कर दिया। ‘केसरिया बालम पधारो म्हारे देश…’ जैसे गीत सुनाकर भारतीय संगीत की विविधता को उजागर किया।
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