संवाददाता
बोकारो : अगस्त क्रांति दिवस सह विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा बोकारो जिला समाहरणालय पर विभिन्न मांगों को लेकर एक-दिवसीय धरना दिया गया। धरना की अध्यक्षता वरीय नेता जदयू नेता हराधन मरांडी ने की तथा संचालन युवा नेता राजकिशोर गोप ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक चौधरी ने विश्व आदिवासी दिवस को राष्ट्रीय छुट्टी घोषित करने की मांग सरकार से करते हुए कहा कि बिहार से अलग हुए लगभग 19 साल हो गए, लेकिन झारखंड निर्माण के लिए जो परिकल्पना की गई थी, वह अभी तक संभव नहीं हो सका। इन इलाकों में सबसे ज्यादा उपेक्षित आदिवासी समुदाय ही रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार को वर्तमान स्वरूप में ही चलना था तो राज्य का बंटवारा न्यायोचित नहीं था। विश्वास के साथ हम यह कह सकते है कि नीतीश कुमार जी का नेतृत्व रहता तो आज झारखंड का भी विकास दर बिहार की तरह रहता, जो देश में सर्वोत्तम है।
श्री चौधरी ने कहा कि आदिवासी समाज में शिक्षा दर बहुत कम है। वैसे पढ़े-लिखे नेतृत्व का भी अभाव है, जो उनके विकास की रणनीति, योजना एवं कार्यक्रम बनाने में सहभागी हो सके। होता यह है कि यह सब कुछ ऐसे लोगों द्वारा तैयार किया जाता है, जिनका नजरिया आदिवासी समूहों के नजरिए से भिन्न है। श्री चौधरी ने चास तथा अन्य ग्रामीण क्षेत्रों की खस्ताहाल बिजली पर जिला प्रशासन से बिजली पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की, ताकि आमजन यह जान सके कि किन कारणों से समुचित बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है!
धरना को संबोधित करने वालों में वरीय नेता विदेशी महतो, रामपद रविदास, ओम प्रकाश प्रसाद, डा. के कुमार, नेपाल महतो, सुभाष महतो, देवनारायण मुर्मू, अरुण किस्कू, खिरोधर मुर्मू, बहादुर केवट, जनार्दन चौधरी, कन्हाई महतो, युवा जदयू नगर अध्यक्ष चंद्र भूषण सिंह, श्याम बिहारी राय, पानू महतो, राजेंद्र पटेल, फूलचंद मांझी, अनिल हेंब्रम, देवी किस्कू आदि प्रमुख थे। धरना के उपरांत पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा।
– Varnan Live Report.