झारखंड बनेगा उन्नत औद्योगिक भारत का अगुवा : धर्मेन्द्र प्रधान
– 2030 तक देश में बनेगा 300 मिलियन टन इस्पात
– टाटानगर के तर्ज पर विकसित होगा बोकारो
दीपक कुमार झा
बोकारो : औद्योगिक नगरी बोकारो से सरकार ने विकास की एक और नयी अहम बुनियाद गढ़ दी है। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विकास की नयी गाथा रचते हुए बोकारो के जरिये झारखंड को पेट्रोलियम मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नया आयाम स्थापित किया। स्थानीय पुस्तकालय मैदान में उन्होंने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट और पीओएल (पेट्रोलियम आयल लुब्रिकेन्ट) टर्मिनल के निर्माण का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री प्रधान ने राज्य के औद्योगिक विकास में उक्त दोनों परियोजनाओं को काफी अहम बताया। कहा कि पेट्रोलियम कंपनियों का प्रयास बेहद सराहनीय है। नए संयंत्रों के जरिये 250 ट्रकों में रोजाना परिचालन होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। लगभग एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। 100 करोड़ की लागत से बनने वाले एलपीजी बाटलिंग प्लांट भी नए रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। गेल के जरिये घर-घर गैस पाइपलाइन के जरिये पहुंचाने की योजना भी प्रगति पर है। अभी विभिन्न प्रकल्पों में पेट्रोलियम विभाग की 10 हजार करोड़ की योजना पाइपलाइन में है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक देश में 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन हो, जिसका नेतृत्व झारखंड करेगा तथा बोकारो अग्रणी भूमिका में रहेगा। उन्होंने कहा कि बोकारो को टाटानगर के तर्ज पर विकसित करना उनकी प्राथमिकता में है। उन्होंने बोकारो स्टील प्लांट को स्थानीय उद्योगों को साथ लेकर चलने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से झारखंड में क्या हुआ, इसका जवाब जनता ने पिछले लोकसभा चुनाव परिणाम में मोदीजी को पुनः प्रधानमंत्री बनाकर दिया। इसके लिये राज्य की जनता का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में पेट्रालियम पदार्थों की बिक्री का ग्रोथ 15 फीसदी है, जिसमें पेट्रोल की भूमिका 61 फीसदी है। यह दूसरे राज्यों के लिए आदर्श की स्थिति है। यह राज्य की तरक्की, लोगों में साइकिल मोटरसाइकिल पर चढ़ने की बढ़ी क्षमता, उनके संवर्द्धित जीवन-स्तर को परिलक्षित करता है। प्रधान ने कहा कि आने वाले दिनों में औद्योगिक संपदा से उन्नत भारत बनाने में झारखंड अगुवा के रूप में उभरेगा।
खत्म हुई 70 साल की पीड़ा
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हाल में समाप्त हुआ लोकसभा सत्र ऐतिहासिक रहा, क्योंकि 70 साल की पीड़ा को ख़त्म करने की पहल धारा 370 को खत्म कर की गयी। उन्होंने कहा कि इस्पात मंत्रालय का क्षेत्र उनके लिये नया है, जिसे वह इस क्षेत्र से समझने के लिये आये हैं। वह तीन दिनों के दौरे पर झारखंड पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के फलस्वरूप महिलाओं को एलपीजी देने की शुरुआत 2015 में झारखंड के दुमका से शुरू हुई थी। पिछले चार साल में 37 लाख गैस कनेक्शन दिये गये। झारखंड पहला राज्य है, जहां पहले रिफिल के साथ-साथ दूसरा रिफिल भी निःशुल्क दिया जा रहा है। इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास का आभार जताया।
गरीबी मिटाकर रहेगी डबल इंजन की सरकार : मुख्यमंत्री

समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार मिलकर झारखंड के विकास में काम कर रही है और गरीबी-मुक्त झारखंड के निर्माण को लेकर लगातार काम चल रहा है। आने वाले समय में झारखंड विकसित राज्य की श्रेणी में आएगा और इस दिशा में इस्पात व पेट्रोलियम विभाग की बहुमूल्य भूमिका होगी। सरकार ने आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र में अधिकाधिक पूंजी निवेश की दिशा में कार्य किया है। अकेले बोकारो जिले में 47 कंपनियों ने मोमेंटम झारखंड के तहत 4303 करोड़ के निवेश को मंजूरी दी है जिससे 20000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। उन्होंने यूएनडीपी की रिपोर्ट के अनुसार कहा कि दुनिया में बहुत ही तेजी से गरीबी रेखा से नीचे निकलने वाला राज्य झारखंड है और आने वाले दिनों में झारखंड से गरीबों को पूरी तरह समाप्त करना है।उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पूरे झारखंड की जनता की ओर से आभार जताया। कहा कि 350 करोड़ के निवेश के जरिए लगभग 1000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 2014 के बाद पिछले साढ़े चार साल में राज्य में तेल की खपत में 15 फीसदी बढ़ने से राज्य में संभावनाएं बढ़ी है। सीएम ने कहा कि 13 लाख और गरीब बहनों को 30 सितंबर गैस कनेक्शन तक देने का लक्ष्य है, जिसमें तेल कंपनियों का बड़ा सहयोग मिलेगा।
रक्षा-बंधन पर 42 लाख बहनों को मिलेगा तोहफा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा बंधन के मौके पर 42 लाख बहनों को दूसरा सिलिंडर देने का काम राज्य सरकार करेगी। इसके लिये सभी प्रमंडलों में समारोह होंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के शुभारम्भ को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है तथा उनका आश्वासन भी मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में महिला शक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त करने का भी लक्ष्य है। इसी कड़ी में सखी महिला मंडलों की महिलाओं के जरिए 500 करोड़ रुपए से रेडी टू इट बनाने का लक्ष्य है। पीएम किसान सम्मान योजना के तर्ज पर ही राज्य सरकार की योजना की उपराष्ट्रपति ने शुरुआत की है। दूसरी क़िस्त नवंबर में दी जायेगी। दिसंबर तक 3000 करोड़ रुपये 35 लाख किसानों के खाते में भेजे जायेंगे, ताकि उन्हें खाद-बीज के लिए महाजनों के चंगुल में न फंसना पड़े। इस्पात-जगत के विस्तारीकरण में भी उन्होंने सरकार के स्तर से हरसंभव सहयोग की बात कही।
घर-घर पाइप से मिलेगी गैस
सीएम श्री दास ने अगले डेढ़-दो साल में राज्य के घर-घर में पाइपलाइन के जरिये गैस मिले, इसे लेकर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी से मिले 5 करोड़ रूपये के जरिये हाइवे में भी स्ट्रीट लाइट लगाने का काम भी जल्द होगा। इसके पूर्व समारोह के प्रारंभ में बीपीसीएल के निदेशक (विपणन) अरुण कुमार सिंह ने सभी का स्वागत किया और बोकारो में दो-दो नई परियोजनाओं का शुभारंभ गर्व की बात बतायी। उन्होंने कहा कि यह सही समय पर सही निवेश है। मौके पर धनबाद के संसद पशुपतिनाथ सिंह, चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह, पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, बेरमो विधायक योगेश्वर महतो बाटुल सहित जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, बीपीसीएल कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे। समारोह के दौरान आमंत्रित कलाकारों ने एक से बढ़कर एक राष्ट्रभक्ति गीतों से मुख्यमंत्री के आगमन तक समां बांधे रखा।
सबने रखी खाली जमीन पर और उद्योगों की मांग

समारोह के दौरान जिले के सभी जनप्रतिनिधियों ने खाली पड़ी जमीन पर और उद्योग स्थापित किये जाने की मांग की, ताकि बोकारो का और विकास होगा। झारखंड सरकार के मंत्री व चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी ने खाली जमीन पर बोकारो स्टील प्लांट के विस्तारीकरण के साथ-साथ पर्वतपुर कोल ब्लाक को चालू कराने की मांग की, जिससे पांच हजार लोगों को रोजगार मिल सके। धनबाद सांसद पीएन सिंह ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट से अभी मात्र 4.6 मिलियन टन उत्पादन हो रहा है, जबकि जमीन 10 एमटी क्षमता के हिसाब से ली गयी थी। खाली पड़ी जमीन पर 10 मिलियन टन तक के विस्तारीकरण से विस्थापितों की समस्या हल होगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने खाली जमीन पर अन्य उद्योगों की स्थापना का आग्रह किया।
झारखंड की पहली एलपीजी परियोजना
भारत पेट्रोलियम झारखंड के पहले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का निर्माण करने जा रही है। झारखंड सरकार द्वारा बीपीसीएल को बियाडा की प्रोजेक्ट क्लीयरेंस कमेटी द्वारा बोकारो इंडस्ट्रियल एस्टेट में नियमानुसार 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। लगभग 100 करोड़ की लागत से बनने वाली यह परियोजना सितंबर 2020 तक पूरी हो सकती है। वर्तमान में झारखंड में बीपीसीएल एलपीजी की मांग को दुर्गापुर और पटना से पूरी करती है। झारखंड में बीपीसीएल के 101 एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर है तथा जल्द ही आने के क्रम में है। वहीं दूसरी तरफ पेट्रोलियम ऑयल लुब्रिकेंट डिपो का निर्माण राज्य सरकार के स्वामित्व वाले राधानगर गांव की 77.5 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। लगभग ढाई सौ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस परियोजना के 2021-2022 में पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान में झारखंड में बीपीसीएल की तीन आपूर्ति डिपो है। धनबाद और रांची डिपो रांची टेरीटरी तथा टाटानगर डिपो जमशेदपुर टेरीटरी के अंतर्गत है। बोकारो डिपो के सुचारू रूप से चलने पर धनबाद और रांची का डिपो बंद किया जा सकता है। शिलान्यास समारोह के दौरान आडियो-विजुअल प्रस्तुति से बीपीसीएल ने अपने संयंत्रों की रूपरेखा, नक्शा और भौतिकस्थल पर पूजन का प्रस्तुतीकरण किया।
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– Varnan Live Report.