संवाददाता
बोकारो। इस्पातनगरी बोकारो और उपशहर चास समेत आसपास का पूरा इलाका इन दिनों घने कोहर की आगोश में समाया हुआ है। पिछले तीन-चार दिनों से जो थोड़ी राहत थी, वह एक बार फिर दूर हो गई है। बुधवार से ही पूरा शहर कोहरे की चादर में लिपटा है। ऊपर से बुधवार देररात थोड़ी देर के लिए हुई झमाझम बारिश ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी मौसम साफ नहीं हो सका। दिनभर सूर्यदेव बादलों में ही छिपे रहे और इधर, शीतलहरी और कुहासे ने जनजीवन की रफ्तार थाम दी।शाम के 6-7 बजे के बाद से ही फिजां में कोहरे छा जाते हैं, जिससे दृश्यता भी कम हो जाती है और वाहनों के साथ-साथ आम जनजीवन की रफ्तार भी थम जा रही है। पूरी रात और सुबह तक यही स्थिति बनी रहती है। तापमान में भले ही गिरावट नहीं हुई, लेकिन शीतलहरी, कनकनी और दिन-दिनभर सूरज का दर्शन होने के कारण आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लोग अपने घरों में दुबकने को विवश रहे। गुरुवार को अधिकतम तापमान घटकर मात्र 19 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 14 डिसे दर्ज किया गया। जबकि शुक्रवार से स्थिति पहले से भी बिगड़ने की संभावना दिख रही है। मौसम विज्ञान संबंधी सूत्रों के अनुसार शुक्रवार से लेकर रविवार तक लगातार न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़के रहने की संभावना है। सोमवार को एक डिग्री की बढ़ोत्तरी होकर 8 डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान है। कुल मिलाकर इस सर्द से अभी और अगले कुछ दिनों तक बोकारोवासियों को दो-चार होना ही पड़ेगा। हाड़ कंपकपाती इस जाड़े में अब तक प्रशासन की तरफ से अलाव की समुचित व्यवस्था न होने से रैनबसेरा, फुटपाथ और खानाबदोश की तरह जहां-तहां दिन गुजारने वाले लोगों की हालत काफी खराब हो गई है। उनकी परेशानी बढ़ गई है।
- Varnan Live Report.